बजट में आम जनता-मध्य वर्ग के लिए कुछ नहीं, निराशाजनक रहा : सप्तगिरी, कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलकास ने आम बजट 2022-23 को बेहद निराशाजनक और मध्य वर्ग व आम जनता के लिए इसे राहत से परे बताया है;
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलकास ने आम बजट 2022-23 को बेहद निराशाजनक और मध्य वर्ग व आम जनता के लिए इसे राहत से परे बताया है। हालांकि उन्होंने पोस्ट ऑफिस को बैंकिंग सेक्टर की तरह ही मजबूत बनाने के कदम की सराहना की।
ओडिशा के कोरापुट क्षेत्र से सांसद सप्तगिरी शंकर फिलहाल कांग्रेस पार्टी में छत्तीसगढ़ का प्रभारी सचिव का पद सम्भाल रहे हैं। उनके पिता भी कई बार सांसद और ओडिशा विधानसभा में विधायक रहे हैं। जनता में उनकी छवि एक एक टेक्नोक्रेट आदिवासी चेहरे के तौर पर है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर उलका ने इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीस और रेनबैक्सी के साथ काम किया है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि बजट प्रतिक्रिया वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर या एक कांग्रेस सांसद के तौर पर नहीं दे रहे हैं बल्कि एक आम आदिवासी या एक आम नागरिक की हैसियत से दे रहे हैं, जिसमें साफ है कि आम आदमी के लिए ये बजट प्रभावहीन रहा। उन्होंने कहा कि आम-जन को कोई राहत नहीं मिली है। पेश है आईएएनएस से बातचीत के कुछ अंश-
सवाल- आम बजट जो मंगलवार को पेश किया गया उसे आप कैसे देखते हैं, क्या इस बजट में आम जनता को राहत मिली है?
जवाब- इस बार का बजट तो बहुत ही निराशाजनक रहा। इसमें आम जनता के लिए तो कुछ भी नहीं था, न ही कॉरपोरेट जगत के लिए कुछ था। हम करीब डेढ़ घंटा एक अच्छे ऐलान का इंतजार करते रहे, मगर वित्त मंत्री 'धन्यवाद' बोल कर निकल गईं। बजट में किस डिपार्टमेंट में कितना आवंटन हुआ ये बताया जाता है। सभी वर्गों के लोगों के लिए, दलित, महिला, डिफेंस के लिए, गरीब वर्ग के लिए अलग-अलग ऐलान किए जाते हैं। मगर इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इस बार भी मोदी सरकार में यही हुआ कि कुछ स्कीम और योजनाओं की जानकारी दी गई, इसके सिवा कुछ नहीं। हर बार मोदी सरकार यही कर रही है । पहली बार बोला गया था कि 5 ट्रिलियन का बजट दिया जाएगा, ब्लॉक चेन की बात की गई थी। आज भी कुछ इसी तरीके से क्रिप्टोकरंसी की बात की गई जोकि बहुत ही निराशाजनक है।
सवाल: सरकार ने किसानों को राहत देने का ऐलान किया है। एमएसपी के साथ ही कृषि से संबंधित जो सामान है उसे भी सस्ता करने का ऐलान किया गया। इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब- किसानों के लिए किसी भी सामान के सस्ता होने का ऐलान नहीं किया गया, हालांकि कोऑपरेटिव सोसाइटी के टैक्स में 15 जरूर कमी की गई है। बाकी जो किसानों की बात है, जिस तरीके से दोगुनी आमदनी की बात की गई थी, उससे संबंधित इस बजट में ऐसा कोई भी ऐलान नहीं किया गया है। सरकार ने ऑर्गेनिक फामिर्ंग की बात पिछले बजट में भी की थी, लेकिन इस बार उससे जुड़ी कोई बात नहीं की गई, न ही (किसानों की) आमदनी दोगुनी करने का कोई समाधान बताया गया।
सवाल: सरकार ने 400 'वंदे भारत' ट्रेन चलाने का ऐलान किया है। इससे देशभर में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आप इसे कैसे देखते हैं? क्या ये एक बेहतर भारत की शुरूआत है?
जवाब- ट्रेन का केवल ऐलान करने से कोई समाधान नहीं होने वाला है। ऐलान करने से पहले देश भर में रेल लाइन बिछाने की भी शुरूआत करनी होगी। इस बार भी सरकार ने रेल किराये में कोई कमी नहीं की है। रेलवे गरीब आदमी की जीवन रेखा है। गरीब आदमी इतने महंगे किराए में कैसे सफर कर सकता है? यहां तक कि प्लेटफार्म टिकट का किराया भी बढ़ा दिया गया है। यह देखना है कि ऐसा न हो कि अगले 3 सालों में वंदे भारत के तहत केवल बीजेपी शासित राज्यों को यह ट्रेनें तो नहीं दी जा रही। मुख्य मुद्दा यह है कि देश के हर जगह को रेल से जोड़ा जाए ताकि सुगम इलाकों में भी रेलवे पहुंचे।
हां, इस बजट में एक चीज अच्छी है कि पोस्ट ऑफिस को बैंकिंग सेक्टर की तरह ही मजबूत बनाया जा रहा है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी सेंटरों को अपग्रेड करने की बात की जा रही है। इसका हम स्वागत करते हैं। यह महिलाओं को सशक्त करने में एक बहुत अच्छा योगदान देगा जो कि बेहद जरूरी था।
सवाल- मध्यवर्ग पर बजट का क्या असर रहेगा? क्या मध्यवर्ग को रेल बजट से, आम बजट से कुछ राहत मिली है?
जवाब- मध्यवर्ग जो कि सबसे ज्यादा टैक्स का भुगतान करता है चाहे वह डायरेक्ट टैक्स हो या फिर इनडाइरेक्ट टैक्स, लेकिन मध्यवर्ग को किसी भी तरीके की कोई राहत नहीं मिली है। चाहे वह इनकम टैक्स से कटौती की बात हो, या पेट्रोल के दाम की बात की जाए, या फिर खाने पीने की चीजों पर टैक्स देने की बात हो। मध्य वर्ग हर जगह टैक्स का भुगतान करता है, सरकार को उन लोगों के लिए भी सोचना चाहिए था।