नोटबंदी को लेकर जल्दबाजी में निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए: शाह
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि लोगों को नोटबंदी के मोदी सरकार के निर्णय के परिणामों के बारे में जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए;
अहमदाबाद। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि लोगों को नोटबंदी के मोदी सरकार के निर्णय के परिणामों के बारे में जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। शाह ने आज यहां युवाओं के साथ अपने संवाद के भाजयुमो के कार्यक्रम युवा टाउनहॉल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में कहा कि रिजर्व बैंक ने कहा है कि 99 प्रतिशत से ज्यादा पुराने नोट बैंक में वापस आ गये है।
पर पहले 80 प्रतिशत से अधिक नोट चलन में नही था। बाकी 20 प्रतिशत भ्रष्ट लोगों के पास पडा रहता था चाहे वे नेता हों या कोई और। उन्होंने कहा कि आज 99 प्रतिशत नोट बैंक में जमा कर दिया तो बात समाप्त नहीं हो जाती। ज्यादा धन जमा करने वालों को जवाब देना पड रहा है। और अगर कोई इसके बाद आयकर और दंड भरता है तो फिर यह पैसा देश के विकास में इस्तेमाल होगा। और जमा किया गया पैसा भी काला धन नहीं रह जायेगा।
आज सभी 99 टका वापस उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद आयकर रिर्टन भरने वालों की संख्या बढ कर छह करोड 30 लाख हो गयी है। जबकि भाजपा सरकार के आने के पहले आजादी के बाद के 65 साल में यह संख्या केवल तीन करोड साठ लाख थी। श्री शाह ने कहा कि किसी भी प्रयास की आलोचना बहुत सरल है पर अभी नोटबंदी का आंकलन उतावली में नहीं होना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा है।