तमिलनाडु में जनजीवन सामान्य, पुलिस की निंदा
चेन्नई ! सांड को काबू में करने के लोकप्रिय प्राचीन खेल जल्लीकट्टू के समर्थन में हिंसक प्रदर्शनों के बाद मंगलवार को चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में हालात सामान्य हो गए।;
चेन्नई ! सांड को काबू में करने के लोकप्रिय प्राचीन खेल जल्लीकट्टू के समर्थन में हिंसक प्रदर्शनों के बाद मंगलवार को चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में हालात सामान्य हो गए। इस बीच, वायरल हुए एक वीडियो से पूरे प्रदेश में सनसनी मच गई है। इस वीडियो में पुलिस की वर्दी पहने पुरुष व महिलाएं वाहनों व झोपड़ियों को फूंकते व दोपहिया वाहनों को तोड़ते नजर आ रहे हैं। दावा किया गया है कि यह वीडियो सोमवार को हुई हिंसा से संबंधित है।
पुलिस ने इस वीडियो को फर्जी करार दिया है।
लोगों का एक समूह हालांकि मंगलवार को भी मरीना समुद्र तट पर डटा रहा। लेकिन, कुल मिलाकर मंगलवार को चेन्नई का जनजीवन पटरी पर नजर आया। एक अधिकारी ने बताया कि बसें और मेट्रो ट्रेन सामान्य रूप से चल रही हैं।
त्रिप्लिकेन इलाके में अब शांति है। मरीना समुद्र तट के पास स्थित त्रिप्लिकेन की सड़कों पर सोमवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं।
एहतियात के तौर पर मरीना समुद्र तट पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
दक्षिण रेलवे ने पिछले कुछ दिनों में पहली बार कोई रेलगाड़ी पूरी तरह से रद्द नहीं की है, हालांकि कुछ रेलगाड़ियों को आंशिक तौर पर रद्द किया गया है। कुछ के समय और मार्ग में परिवर्तन किया गया है।
पुलिस ने सोमवार को जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे युवा प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया, जिसके बाद चेन्नई में हिंसा और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके अलावा, मदुरै से भी हिंसा की खबरें मिली थीं।
मंगलवार को मशहूर फिल्म अभिनेता कमल हासन ने कथित तौर पर पुलिस द्वारा की गई आगजनी पर हैरानी जताई और मरीना समुद्र तट पर कार्रवाई के लिए पुलिस की आलोचना की।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "यह पूरा आंदोलन असंतोष तथा दशकों के विभिन्न तरह के गुस्से का प्रतीक है। यह अचानक में हुआ आंदोलन नहीं है। यह इसलिए हुआ, क्योंकि इसके पीछे हम एक कारण पाते हैं।"
कमल हासन से पूछा गया कि प्रदर्शन के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए। क्या इस वजह से इसे देश विरोधी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। जवाब में उन्होंने कहा, "अतीत में कई नेता एक पृथक तमिलनाडु की मांग कर चुके हैं। क्या वे देश विरोधी थे?"
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता एम.के.स्टालिन ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि बीते सात दिनों से पुलिस प्रदर्शन को मूकदर्शक की तरह देख रही थी और जब प्रदेश विधानसभा जल्लीकट्टू को वैध करने को लेकर विधेयक पारित करने जा रही थी, तो वह प्रदर्शनकारियों पर टूट पड़ी।
कथित तौर पर पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों में आगजनी और लोगों पर हमले के वीडियो पर स्टालिन ने कहा कि यह कार्रवाई ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के शासन में पुलिसकर्मियों के गिरते स्तर को दर्शाती है।
उन्होंने चेन्नई के पुलिस आयुक्त एस.जॉर्ज की आलोचना की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को असामाजिक तथा राष्ट्रद्रोही कहा था।
जॉर्ज ने सोमवार को कहा था कि पुलिस ने सोमवार को इसलिए कार्रवाई की, क्योंकि मरीना समुद्र तट पर प्रदर्शन के दौरान उसमें 'राष्ट्रविरोधी तत्व' दाखिल हो गए थे।
पुलिस ने 25 लोगों के खिलाफ हिंसा का मामला दर्ज किया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कोयंबटूर में युवाओं को जल्लीकट्टू के समर्थक कुछ प्रदर्शकारियों से बचकर रहने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि कुछ अवांछनीय तत्व हो सकते हैं।
तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार शाम जल्लीकट्ट को वैधानिक मान्यता दे दी।
मदुरै के अलांगानुल्लुर में स्थानीय समुदाय ने एक फरवरी को जल्लीकट्ट के आयोजन की घोषण की है।