नोएडा खारे पानी को करेगा मीठा : मिलाएगा अतिरिक्त 90 एमएलडी गंगाजल, इससे मेनटेन होगा 800 टीडीएस का पानी

नोएडा में खारे पानी और मीठा बनाने की तैयारी की जा रही है;

Update: 2022-11-18 19:15 GMT

नोएडा। नोएडा में खारे पानी और मीठा बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दिसंबर से यूजीआर से आने वाली पानी में 90 एमएलडी गंगाजल मिलाया जाएगा। ये परियोजना का तीसरा फेज है। वर्तामान में नोएडा में 240 एमएलडी गंगाजल की सप्लाई की जा रही है। इस गंगाजल में इतना ही सप्लाई का पानी मिलाकर इसका टीडीएस स्तर 800 से 900 के आसपास बनाया गया है।

अधिकारियों का कहना है 90 एमएलडी गंगाजल सप्लाई होने से टीडीएस में और सुधार आ जाएगा। इसके बाद आरओ की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। इस योजना पर 304 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। जिसका 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। ये गंगाजल प्रताप विहार प्लांट से ही नोएडा के मुख्य स्टोरेज तक लाया जाएगा।

शिकायतों के बाद लिया गया फैसला

दरअसल नोएडा के सेक्टर-75 और आसपास की सोसायटी से अक्सर शिकायत मिल रही थी कि यहां पानी की टीडीएस स्तर 1800 के पास है। मौके पर ओएसडी अविनाश त्रिपाठी ने निरीक्षण किया। बताया गया कि प्राधिकरण के यूजीआर से जो सप्लाई किया जा रहा है। उसे सोसायटी में पहले से उपलब्ध पानी के साथ मिलाकर स्टोरेज किया जाता है। जिसके बाद सप्लाई होती है।

ऐसे में इसका टीडीएस 1800 के पास है। ऐसे में ओएसडी ने सभी यूजीआर प्रबंधकों को निर्देशित किया वे अपने यहा एक टीडीएस मीटर रखे। ताकि जैसे ही कोई टीडीएस का स्तर पूछे तो उसे सटीक जानकारी मिल सके। इसी टीडीएस को कम करने के लिए ही यूजीआर के जरिए 90 एमएलडी पानी और मिलाया जाएगा। जिससे इन सोसायटी में पानी की टीडीएस का स्तर 800 तक मेनटेन रहे।

लगाए जाएंगे 900 वाटर मीटर

इन सोसायटी में पानी की खपत कितनी है। इसके लिए सोसायटी में 900 वाटर मीटर लगाए जाएंगे। ये सभी मीटर सरकारी और गैर सरकारी दोनों सोसायटी में लगाए जा रहे है। पहले फेज में 370 मीटर लगाए जाएंगे। जिसमें से एक दर्जन वाटर मीटर लगाने का काम पूरा किया जा चुका है।

अब जानते है क्या है 90 एमएलडी परियोजना

25 सेक्टरों के पांच लाख लोगों को दिसंबर-2022 तक गंगाजल की आपूर्ति की जा सकेगी। इसके लिए तृतीय चरण में 37.50 क्यूसेक गंगाजल (90 एमएलडी) परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। परियोजना से नोएडा को कुल 330 एमएलडी गंगाजल की सप्लाई हो जाएगी।

14 मार्च 2018 को योजना पर कार्य शुरू किया गया। 30 नवंबर 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना की लागत 239.69 करोड़ लगाई गई थी। लेकिन बाद में रिवाइजड कर इसकी लागत 304.185 करोड़ रुपए की गई। अनुबंध 75 रेशियो 25 का है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण योजना पर 228.14 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। इस लागत में 135.16 करोड़ रुपए यूपी जल निगम को दिए जा रहे है। शेष 92.97 करोड़ रुपए एनएचएआई को दिए जा रहे हैं।

Full View

Tags:    

Similar News