नीतीश कटारा हत्या मामले में विकास की याचिका खारिज : सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा की हत्या मामले में 25 साल की जेल की सजा को बरकरार रखने के आदेश को वापस लेने की मांग वाली विकास यादव की याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया;
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा की हत्या मामले में 25 साल की जेल की सजा को बरकरार रखने के आदेश को वापस लेने की मांग वाली विकास यादव की याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत के 3 अक्टूबर, 2016 के आदेश को वापस लेने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति एस. ए. बॉबडे ने कहा, "हमने ध्यानपूर्वक समीक्षा याचिका और दूसरे जुड़े दस्तावेजों पर गौर किया है, लेकिन आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है।"
न्यायाधीशों ने अपने कक्ष में 3 अक्टूबर के फैसले को वापस लेने की याचिका पर विचार करने के बाद अपने आदेश में कहा, "समीक्षा याचिकाओं को खारिज किया जाता है।"
दिल्ली उच्च न्यायालय के 2014 के आदेश को कायम रखते हुए शीर्ष अदालत ने अपने 3 अक्टूबर 2016 के आदेश में कहा था, "हम फिर से दोहराते है कि तय अवधि की सजा न्यायोचित है।"
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा की हत्या में दोषी करार दिए जाने पर विकास यादव को 25 साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों के पास बिना छूट के तय अवधि की सजा लागू करने की शक्ति है।
हालांकि, उच्च न्यायालय के आदेश में दखल देने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने विकास यादव को थोड़ी राहत देते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 201 के तहत साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए पांच साल की सजा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक क्रमागत रूप से न चलकर साथ-साथ चलेगी।