अगर आप भी 2026 में चाहते हैं सफलता और शांति, तो न करें ये काम, अपनाएं इन वास्तु टिप्स को
नया साल सिर्फ तारीख बदलने का नाम नहीं होता, बल्कि यह घर और जीवन, दोनों को नए सिरे से सजाने का एक मौका भी होता है। जैसे हम नई डायरी या नया कैलेंडर शुरू करते हैं, वैसे ही हमारे घर की ऊर्जा भी एक नई शुरुआत चाहती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य, धन और सोच को सीधे प्रभावित करती है;
2026 में चाहते हैं सफलता और शांति, तो घर के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स
नई दिल्ली। नया साल सिर्फ तारीख बदलने का नाम नहीं होता, बल्कि यह घर और जीवन, दोनों को नए सिरे से सजाने का एक मौका भी होता है। जैसे हम नई डायरी या नया कैलेंडर शुरू करते हैं, वैसे ही हमारे घर की ऊर्जा भी एक नई शुरुआत चाहती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य, धन और सोच को सीधे प्रभावित करती है।
अगर घर में अव्यवस्था, टूटी चीजें और गंदगी जमा हो जाए, तो नई शुरुआत की राह में रुकावट आ सकती है। इसलिए साल 2026 का स्वागत करने से पहले घर को वास्तु के नजरिए से समझना और सुधारना बेहद जरूरी माना जाता है।
कबाड़ और फालतू सामान:- पुराने अखबारों के ढेर, टूटे बर्तन, खराब मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक चीजें और ऐसे सामान जिनका महीनों से कोई इस्तेमाल नहीं हुआ, घर में रुकी हुई ऊर्जा पैदा करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसी चीजें बीते समय का बोझ लेकर चलती हैं। जब घर में पुराना और बेकार सामान भरा रहता है, तो नए अवसरों के लिए जगह नहीं बचती। इसका असर यह होता है कि मेहनत के बावजूद पैसा नहीं टिकता और खर्च बढ़ता चला जाता है। नया साल आने से पहले ऐसे सामान को दान, रिसाइकल या बाहर निकाल देना घर की ऊर्जा को हल्का बनाता है।
बेकार सामान को रखना:- टूटे-फूटे सामान को संभाल कर रखना भी एक बड़ी वास्तु गलती मानी जाती है। बंद घड़ी, खराब कुर्सी, चरमराता दरवाजा या खराब स्विच यह संकेत देते हैं कि जीवन में कहीं न कहीं रुकावट है। वास्तु मान्यता कहती है कि टूटी चीजें ठहराव और निराशा का प्रतीक होती हैं। जब हम उन्हें रोज देखते हैं, तो अनजाने में वही भाव हमारे मन में भी बसने लगता है। इसलिए या तो ऐसी चीजों को तुरंत ठीक कराएं या फिर घर से हटा दें, ताकि ऊर्जा फिर से सक्रिय हो सके।
जाले और गंदगी:- घर के कोनों में जाले और गंदगी का वास्तु में विशेष जिक्र है। जाले इस बात का संकेत हैं कि उस जगह पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया गया। ऐसी जगहों पर ऊर्जा रुक जाती है और वहां भारीपन महसूस होने लगता है। इसका असर घर के लोगों के मन पर पड़ता है, जिससे तनाव, उलझन और आलस बढ़ सकता है। नियमित सफाई, खासकर कोनों और बंद जगहों की, घर में सकारात्मकता लाती है।
अव्यवस्थित घर:- कई बार घर का कोई एक हिस्सा ऐसा होता है जहां जाते ही घुटन, अजीब सी बेचैनी या भारीपन महसूस होता है। वास्तु के अनुसार यह रुकी हुई ऊर्जा का संकेत है। ऐसी जगहों पर रोशनी बढ़ाना, हवा का रास्ता खोलना और अनावश्यक सामान हटाना बहुत मददगार होता है। जब वह कोना साफ और उजला होता है, तो मन भी अपने आप हल्का महसूस करने लगता है। अव्यवस्थित घर अनियंत्रित खर्चों को न्योता देता है। जब घर साफ और व्यवस्थित होता है, तो व्यक्ति के विचार भी साफ रहते हैं और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।