सडक़ दुर्घटना में घायलों को निजी अस्पतालों में मिलेगा मुफ्त इलाज

नई दिल्ली ! दिल्ली में अब दुर्घटना में घायल होने के बाद सबसे नजदीक के प्राइवेट अस्पताल में इलाज की योजना का दिल्ली सरकार ने ऐलान कर दिया है।;

Update: 2017-03-11 05:09 GMT

नई दिल्ली !   दिल्ली में अब दुर्घटना में घायल होने के बाद सबसे नजदीक के प्राइवेट अस्पताल में इलाज की योजना का दिल्ली सरकार ने  ऐलान कर दिया है। दिल्ली विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान औपचारिक ऐलान स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया। वहीं बजट चर्चा के बवाज में मनीष सिसोदिया कहा कि वाई फाई, सीसीटीवी कैमरों, एलईडी स्क्रीन, मोहल्ला सभा के लिए वित्तीय प्रावधान बजट में हैं, जरूरत हुई तो खर्च बढ़ाया जा सकता है। देश की अलग अलग बोलियों, संस्कृति को दिल्ली में लोकप्रिय बनाने के लिए गुजराती, राजस्थानी सहित सभी प्रमुख प्रदेशों की अकादमी पर विचार करने का भरोसा दिलाया।   सिसोदिया ने कहा कि यह आम आदमी को निडर बनाने वाला बजट है। क्योंकि उसे मंदिर, मस्जिद, कब्रिस्तान, शमशान पर लड़ाई, महंगाई, बीमारी, अच्छी शिक्षा न मिलने, पानी, बिजली महंगी होने, झुग्गी टूटने, व्यापारियों को छापे, नीतियों का डर होता है और बजट उससे उबारने का प्रयास है। विपक्ष के हमलों को उन्होंने कहा कि सुविधाजनक सत्य तो बहुत सुना है लेकिन सुविधाजनक गणना आज देखी। आंकड़ेबाजी, अनुसंधानकर्ता के नजरिए से मत देखो। बजट की देश भर में प्रशंसा हो रही है, केंद्रीय मंत्री व केंद्र के अधिकारियों ने भी प्रशंसा की यदि नाम ले लिया तो कई की कुर्सी जा सकती है। बजट पर चर्चा शुरू करते हुए कस्तूरबा नगर विधानसभा से विधायक मदनलाल ने गुजराती, राजस्थानी व दिल्ली की अकादमी बनाने की मांग रखी। उन्होने पाकिस्तान में एक सेमिनार में शामिल होकर वहां मिली आप सरकार की प्रशंसा का भी उल्लेख किया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी के दौरान नवंबर माह में सरकारी विभागों में पुराने नोट स्वीकारे जाने के बावजूद दिल्ली में राजस्व वसूली कम हुई है, वहीं आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक की राजस्व वसूली में वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली व पश्चिम बंगाल दो ऐसे राज्य थे, जहां वसूली में कमी दिखाई दी। उन्होंने वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया से सवाल किया कि नवंबर 2015 में जो राजस्व वसूली हुई, जबकि नवम्बर 2016 में राजस्व में तीन सौ करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। बावजूद इसके दिसंबर में कमी का आखिर अर्थ क्या है? विजेंद्र गुप्ता ने वाईफाई पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बजट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की किताब स्वराज में लिखे अंशमात्र तक शामिल नहीं दिखते। शिक्षा पर सरकार पिछले तीन साल में खर्च को बढ़ा नहीं पाई है, स्वास्थ्य में भी उसके दावे खोखले हैं।

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