केंद्र सरकार ने लागू किया नया एंटी हाइजैकिंग कानून
विमान अपहरण की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने के उद्देश्य से बने नये एंटी हाइजैकिंग कानून के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही यह कानून 05 जुलाई से लागू हो गया है;
नयी दिल्ली। विमान अपहरण की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने के उद्देश्य से बने नये एंटी हाइजैकिंग कानून के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही यह कानून 05 जुलाई से लागू हो गया है। नया कानून 1982 के कानून की जगह आया है जिसे कमजोर माना जा रहा था। इसमें विमान के अंदर या जमीन पर किसी की हत्या करने वाले अपहरणकर्ता के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।
इसे पिछले साल ही संसद की मंजूरी मिली थी। पुराने कानून में सिर्फ उड़ान के दौरान विमान अपहरण की कोशिश के लिए प्रावधान थे जबकि नये कानून में जब विमान हवाई अड्डे पर खड़ा हो उस समय भी विमान या कर्मचारियों के प्रति अपराध को इस परिभाषा में शामिल किया गया है।
विमान के उड़ान की तैयारी शुरू होने से लेकर इसकी लैंडिंग के 24 घंटे बाद तक विमान पर किया गया कोई भी हमला अपहरण का प्रयास माना जायेगा। इसमें जैविक हथियारों से होने वाला हमला भी शामिल है।
यदि अपहरणकर्ता इस प्रयास में किसी की हत्या कर देता है तो उसके लिए मृत्युदंड भी दिया जा सकता है। साथ ही अन्य परिस्थितियों में भी सजा को कठोर बनाया गया है। नये कानून में अपहरण की धमकी देना या ऐसा करने के लिए किसी को उकसाना भी अपहरण की श्रेणी में ही आयेगा।
यह नियम भारतीय सीमा/वायुक्षेत्र में किसी भी विमान पर पर सभी व्यक्तियों पर लागू होगा। साथ ही भारत में पंजीकृत विमान यदि भारत से बाहर भी है तब वह इस नियम के दायरे में आयेगा। इसके तहत विमान को उस देश का माना जायेगा जहाँ वह पंजीकृत है। इस प्रकार अब भारत का एंटी हाइजैकिंग कानून भी अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के बीजिंग प्रोटोकॉल के अनुरूप हो गया है।