एनएच निर्माण में लापरवाही,कलेक्टर से शिकायत
अंबिकापुर-बतौली नेषनल हाईवे क्रमांक 43 के निर्माण में भारी लापरवाही बरती जा रही है।;
अंबिकापुर। अंबिकापुर-बतौली नेषनल हाईवे क्रमांक 43 के निर्माण में भारी लापरवाही बरती जा रही है। जिस ठेका कंपनी ने निर्माण कार्य षुरू किया है उस कंपनी के द्वारा स्थानीय ठेकेदारों व मजदूरों से काम कराने के बाद राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। नेशनल हाईवे के इस निर्माण में बरती जा रही लापरवाही को लेकर विधायक अमरजीत भगत ने कलेक्टर से मुलाकात की और ठेका कंपनी पर कड़ाई बरते जाने की मांग की है। भगत ने इसके अलावे मैनपाट के सीएमडीसी के द्वारा मजदूरों के षोषण और विधानसभा क्षेत्र के लोगों को वन अधिकार पट्टा न मिलने को लेकर भी चर्चा की है।
सीतापुर विधायक अमरजीत भगत अपने साथ बतौली, मैनपाट क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को लेकर कलेक्टर किरण कौशल से मुलाकात करने पहुंचे। विधायक भगत ने बताया कि अंबिकापुर-सीतापुर नेशनल हाईवे निर्माण में ठेका कंपनी द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि लोगों का आना-जाना मुष्किल हो गया है। धूल-धूसरित सड़क पर ठेका कंपनी पानी का छिड़काव तक नहीं करा रहा है। बतौली से लमगांव तक सड़क खोद दी गई पर निर्माण की गति अत्यंत धीमी है। स्थानीय ठेकेदारों ने कंपनी के द्वारा कराए गए कार्य में अपनी मशीनरी व अन्य संसाधन लगाया था। कई मजदूर भी कार्यरत थे किन्तु उनकी राषि भुगतान नहीं की गई है। कंपनी के जिम्मेदार लोगों द्वारा अपने कंपनी में कार्यरत मजदूरों को भुगतान न किए जाने से नाराज मजदूरों ने काम भी बंद कर दिया है। ऐसे में अब प्रषासनित हस्तक्षेप से ही सड़क का निर्माण हो सकेगा।
4 साल में किसी को नहीं मिला वन अधिकार पट्टा-विधायक
अमरजीत भगत ने कलेक्टर ने कहा है कि पूर्व कलेक्टर आर प्रसन्ना के कार्यकाल के दौरान सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के बड़ी संख्या में ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा मिला था उसके बाद लगातार जरूरतमंद पट्टे के लिए दौड़ रहे हैं पर एसडीएम न्यायालय में फाइल पेंडिंग है। चार वर्षो से किसी भी ग्रामीण को वन अधिकार पट्टा नहीं मिल पाया है।
मजदूरों का हो रहा षोषण
विधायक भगत ने मैनपाट के बरिमा और नर्मदापुर में सीएमडीसी के बाक्साइट खदानों में कार्यरत मजदूरों के षोषण होने की षिकायत भी कलेक्टर से की है। विधायक ने बताया है कि बाल्को कंपनी जहां मैनपाट में ही पर्याप्त मजदूरी व भुगतान के साथ पीएफ की कटौती भी कर रहा है किन्तु सीएमडीसी मजदूरों को न पर्याप्त भुगतान कर रहा है। यहां तक की मजदूरों को बीमा का लाभ भी नहीं मिल रहा है। विधायक ने मामले में सीएमडीसी के खिलाफ कलेक्टर ने कार्रवाई करने की मांग की है।