मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत: विपक्ष

 पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के विरोध में ‘भारत बंद’ में शामिल विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की नीतियों को जन विरोधी बताते हुए उसे असंवेदनशील करार दिया;

Update: 2018-09-10 18:02 GMT

नयी दिल्ली।  पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के विरोध में ‘भारत बंद’ में शामिल विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की नीतियों को जन विरोधी बताते हुए उसे असंवेदनशील करार दिया और कहा कि इसे सत्ता से बाहर करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।

कांग्रेस के नेतृत्व में सोमवार को यहां रामलीला मैदान में आयोजित धरना प्रदर्शन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोकदल तथा लोकतांत्रिक जनता दल सहित 16 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और ईंधन की लगातार बढ रही कीमतों के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की। सभी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार को संवेदनहीन करार दिया और कहा कि चार साल में इसकी नीतियों के कारण देश की जनता त्रस्त हो गयी है।

इससे पहले इन सभी दलों के नेताओं ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानसरोवर का पवित्र जल समाधि पर अर्पित किया। श्री गांधी 31 अगस्त से कैलास मानसरोवर की यात्रा पर थे। 

कांग्रेस ने कहा कि देश की जनता जिस पीड़ा से गुजर रही है उससे बंद में शामिल सभी दलों के नेता समझते हैं लेकिन यह दुःखद स्थिति है कि इस पीड़ों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेता नहीं समझते हैं। देश की जनता से जुड़े जो सवाल उठाए जाते हैं, श्री मोदी उनका जवाब नहीं देते हैं। वह सिर्फ अपने कुछ चहेते उद्योगपतियों की बात सुनते हैं और देश की जनता की बात नहीं सुनते हैं।

 राहुल गांधी ने कहा कि  मोदी सिर्फ भाषण दिए रहते हैं। स्वच्छ भारत की बात करते हैं और इसके नाम पर पूरे देश में शौचालय बना दिये हैं लेकिन लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करा पाए। सरकार पानी नहीं पहुंचा सकी है। इसकी वजह से जो शौचालय में पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि “वह पता नहीं कौन सी दुनिया में हैं, सिर्फ भाषण देते रहते हैं... देश उनको देखकर तंग आ गया है।” 

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