एनसी कार्यकर्ता बन रहे आसान निशाना: उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने वाले लोगों को थानों,;
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने वाले लोगों को थानों, सुरक्षा बलों के शिविरों और घरों में समुचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी जा रही है लिहाजा उम्मीदवारों और संभावित मतदाताओं तक संदेश पहुंचाने के लिए एनसी के कार्यकर्ता सबसे आसानी से निशाना बनाये जा रहे हैं।
अब्दुल्ला ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा,“ जिन लोगों ने चुनाव के लिये नामाकंन पत्र भरा है, सभी पुलिस की सुरक्षा में थाने में, सुरक्षा बलों के शिविरों और अपने घरों पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था में हैं। दुर्भाग्यवश मेरे सहयोगियों को उम्मीदवारों और संभावित मतदाताओं तक संदेश पहुंचाने के लिए आसानी से निशाना बनाया जा रहा है।”
The people who have filed their papers to contest the elections are all in protective custody in police stations,security force camps or in homes with lots of security.Unfortunately my colleagues have become easy targets to send out a message to the candidates & potential voters. https://t.co/HpgxOsJzjm
अब्दुल्ला ने श्रीनगर के पुराने इलाके में शुक्रवार सुबह एनसी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के कारण निकाय चुनावों पर खतरा मंडराने से संबंधित एक ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया था।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के 10 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र वापस लेने की रिपोर्ट है जिनमें पार्टी प्रभारी दुरू वेरीनाग भी शामिल हैं लेकिन पार्टी के एक नेता ने इन रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि किसी भी उम्मीदवार ने न तो नामांकन वापस लिया है और न ही पार्टी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, “ किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया है, सब अफवाह है।”
उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान ने उम्मीदवारों से सरकार की आेर से उन्हें मुहैया कराये गये सुरक्षित स्थानों को नहीं छोड़ने और अतिरिक्त रूप से सतर्क रहने को कहा है।
गौरतलब है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अनुच्छेद 35-ए को लेकर एनसी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के हिस्सा नहीं लेने के कारण भाजपा की जीत की पूरी संभावना है।