देश भर में नक्सल समर्थकों को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया

पुणे पुलिस ने पांच महीने में दूसरी बार आज देश भर के कथित नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर छापे मारे और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया;

Update: 2018-08-28 17:24 GMT

मुंबई। पुणे पुलिस ने पांच महीने में दूसरी बार आज देश भर के कथित नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर छापे मारे और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यहां इस बात की जानकारी दी। यह छापे मुंबई, पुणे, गोवा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा में सुबह से मारे गए। कार्यकर्ताओं के कई समर्थकों ने विभिन्न जगहों पर पुलिस छापे के दौरान प्रदर्शन किया।

इन छापों को 17 अप्रैल को की गई ऐसी ही कार्रवाई के आगे की कार्रवाई बताया गया है, जब पुणे पुलिस ने आधा दर्जन से ज्यादा दलित कार्यकर्ताओं और कबीर कला मंच से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इन कार्यकर्ताओं ने 31 दिसंबर 2017 को पुणे में यलगार परिषद आयोजित किया था।

अगले दिन एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़क गए थे, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रकाश आंबेडकर की अध्यक्षता वाले भारिप-बहुजन महासंघ द्वारा तीन जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था।

करीब पांच महीने बाद पुणे पुलिस की टीमों ने करीब आधा दर्जन राज्यों में कई लोगों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की। इन लोगों पर यलगार परिषद के साथ संबंध रखने और नक्सल समर्थक होने का संदेह है।

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, जिन कार्यकर्ताओं के खिलाफ छापे मारे की गई, उनमें वरवरा राव व क्रांति (तेलांगना), वर्नोन गोंजाल्वेस व अरुण पेरैरा (मुंबई), सुधा भारद्वाज व स्टन स्वामी (छत्तीसगढ़), गौतम नवलखा (दिल्ली) और आनंद तेलतुमब्दे (गोवा) शामिल हैं।

पुलिस ने उनके पास से कंप्यूटर, लैपटॉप, सीडी, दस्तावेज और किताबें जब्त की हैं और दावा किया है कि यह सभी नक्सलियों के लिए शहरी थिंक टैंक के रूप में कार्य कर रहे थे। इनमें से कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।

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