ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों के रिपोर्टिंग में देरी करने पर जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव किया

दूरसंचार नियामक ने गुरुवार को दूरसंचार टैरिफ (72वां संशोधन) आदेश, 2025 का प्रारूप जारी किया। इसमें कहा गया है कि यदि कोई दूरसंचार सेवा प्रदाता अपने टैरिफ में बदलाव करता है और इसकी जानकारी देने (रिपोर्टिंग) में देरी करता है तो उसे पहले सात दिन के लिए 10 हजार रुपये प्रति दिन जुर्माना देना होगा। सात दिन के बाद हर दिन के लिए 20 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जायेगा। जुर्माने की राशि अधिकतम पांच लाख रुपये होगी;

Update: 2025-10-16 12:34 GMT

दूरसंचार कंपनियों के लिए रिपोर्टिंग में चूक पर जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार कंपनियों के रिपोर्टिंग में देरी करने पर जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।

दूरसंचार नियामक ने गुरुवार को दूरसंचार टैरिफ (72वां संशोधन) आदेश, 2025 का प्रारूप जारी किया। इसमें कहा गया है कि यदि कोई दूरसंचार सेवा प्रदाता अपने टैरिफ में बदलाव करता है और इसकी जानकारी देने (रिपोर्टिंग) में देरी करता है तो उसे पहले सात दिन के लिए 10 हजार रुपये प्रति दिन जुर्माना देना होगा। सात दिन के बाद हर दिन के लिए 20 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जायेगा। जुर्माने की राशि अधिकतम पांच लाख रुपये होगी।

मौजूदा नियमों को अनुसार हर दिन की देरी के लिए पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और अधिकतम जुर्माना राशि दो लाख रुपये है।

ट्राई ने कहा है कि जुर्माना कम होने से कई कंपनियां रिपोर्टिंग के बारे में गंभीर नहीं हैं जो समय पर रिपोर्टिंग करने वाली कंपनियों के साथ भेदभाव है। नियमों में बदलाव के प्रारूप पर 31 अक्टबूर तक हितधारकों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की गयी है।

जुर्माना बढ़ाने के साथ प्रारूप में यह भी प्रावधान जोड़ा गया है कि नियामक किसी भी सेवा प्रदाता का पक्ष सुने बिना उसे जुर्माने के भुगतान का आदेश नहीं दे सकता। अनुपालन में चूक का कारण उचित पाये जाने पर जुर्माना माफ या कम किया जा सकता है।

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