भारत-पाक सीजफायर पर मध्यस्थता के चीन के दावे पर जवाब दें पीएम मोदी : जयराम रमेश
कांग्रेस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद अब चीन दावा कर रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल हुए सैन्य कार्रवाई में उसकी मध्यस्थता से अचानक ऑपरेशन सिन्दूर रोका गया था। पार्टी ने इसे भारत के साथ मजाक करार दिया और कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सरकार ने जो कुछ बताया ये दावे उसके विपरीत है और इस तरह के दावे देश की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाते हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए;
ऑपरेशन सिन्दूर पर मध्यस्थता के चीन के दावे पर जवाब दें मोदी : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद अब चीन दावा कर रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल हुए सैन्य कार्रवाई में उसकी मध्यस्थता से अचानक ऑपरेशन सिन्दूर रोका गया था। पार्टी ने इसे भारत के साथ मजाक करार दिया और कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सरकार ने जो कुछ बताया ये दावे उसके विपरीत है और इस तरह के दावे देश की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाते हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने बुधवार को चीन के दावों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प पहले ही बार-बार दावे कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान पर आयात शुल्क का डर दिखाकर कर दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच संघर्ष को रुकवाया था और अब चीन भी दावा कर रहा है और इस पर मोदी की चुप्पी बेहद परेशान करने वाली है।
रमेश ने कहा कि ट्रम्प लंबे समय से दावा करते रहे हैं कि उन्होंने 10 मई को ऑपरेशन सिन्दूर रोकने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था। वह यह दावा कम से कम सात अलग-अलग देशों में, विभिन्न मंचों पर 65 बार कर चुके हैं। मोदी ने इन दावों पर कभी भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी और अब चीन के विदेश मंत्री भी ऐसा ही दावा कर रहे हैं कि उसकी मध्यस्थता के कारण यह संघर्ष रोका गया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बारे में चार जुलाई को उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा, "ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान भारत असल में चीन का सामना कर रहा था और उससे लड़ रहा था। चूंकि चीन निर्णायक रूप से पाकिस्तान के साथ खड़ा था, ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के चीन के दावे चिंताजनक हैं और यह सिर्फ इसलिए नहीं कि वे देश की जनता को दी गई जानकारी के उलट हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मज़ाक बनाते प्रतीत होते हैं।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "इस दावे को चीन के साथ हमारे संबंधों के संदर्भ में भी समझा जाना चाहिए क्योंकि भारत ने चीन से बातचीत शुरु कर दी है लेकिन दुर्भाग्य से बातचीत चीन के शर्तों पर हो रही है। प्रधानमंत्री ने 19 जून 2020 को चीन को दी गई क्लीन चिट ने भारत की बातचीत की स्थिति को काफ़ी कमज़ोर किया है। हमारा व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर है और हमारे निर्यात का बड़ा हिस्सा चीन से होने वाले आयात पर निर्भर है। अरुणाचल प्रदेश के संबंध में चीन की उकसाने वाली हरकतें लगातार जारी हैं। ऐसे एकतरफ़ा और शत्रुतापूर्ण संबंधों के बीच, भारत की जनता को यह स्पष्टता चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने में चीन ने क्या भूमिका निभाई।"