मप्र : गैंगरेप का चौथा आरोपी अब भी फरार

 मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को शर्मसार कर देने वाले छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले का चौथा आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर है;

Update: 2017-11-04 21:47 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को शर्मसार कर देने वाले छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले का चौथा आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। इधर, शहर के वकीलों ने अभियुक्तों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है।

भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के आउटर पर 31 अक्टूबर की शाम साढ़े सात बजे से लगभग तीन घंटे तक कोचिंग से लौट रही छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके तीन आरोपियों गोलू चिड़ार, अमर कुमार और राजेश को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एक अन्य आरोपी फरार है, उसका नाम रमेश बताया जा रहा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चौथे आरोपी की तलाश के लिए कई टीमें काम कर रही हैं। उसकी तलाश के लिए अलग-अलग शहरों में टीम भेजी गई हैं। इस घिनौने मामले में राजधानी के वकील भी एकजुट हो गए हैं। वे अभियुक्तों की पैरवी नहीं करेंगे। 

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राजेश व्यास ने यूनीवार्ता को बताया कि गैंगरेप की घटना से वकील समुदाय बहुत आहत और आक्रोशित है। अधिकतर वकील अभियुक्तों की पैरवी करने के खिलाफ हैं। वे स्वयं वकीलों से आग्रह कर रहे हैं कि इन नीच अपराधियों की ओर से कोई पैरवी नहीं करे।

इधर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) अनुराधा शंकर सिंह आज दोपहर पीड़ित छात्रा से मिलने पहुंची। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के निर्देश पर वह पीड़िता से मिलने गई थीं। उसके साथ हुई घटना से सब व्यथित हैं।

सुश्री सिंह ने कहा कि उस बच्ची में गजब की दृढ़ता है, जिसे हम सलाम करते हैं। उसे राज्य सरकार की ओर से जल्द से जल्द तीन लाख रुपए तक की आर्थिक मदद की जाएगी। भविष्य में यदि उसे शिक्षा में सहयोग की जरूरत हुई तो वह भी दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि पीड़ित छात्रा ने इस मामले में जल्द कार्रवाई के बारे में कहा है। इस पर उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इसे फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई के निर्देश दिए हैं। दिन-प्रतिदिन के आधार पर इसमें कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद छात्रा और उसके परिजन मामला दर्ज कराने के लिए एक थाने से दूसरे थाने भटकते रहे थे। शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), एमपी नगर और हबीबगंज थानों के सीमा विवाद में उनकी एफआईआर दर्ज करने में काफी विलंब हुआ था। इस मामले में बवाल मचने के बाद तीनों थानों के थाना प्रभारी और दो उप निरीक्षकों को निलंबित किया गया है और एक नगर पुलिस अधीक्षक को पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया है।

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