मप्र : रिश्वतखोर रीडर को कारावास

मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की एक अदालत ने रिश्वत लेने में आरोप में दोषी ठहराते हुए तहसील कार्यालय में पदस्थ रीडर को चार वर्ष के कारावास की सजा से दण्डित किया है;

Update: 2017-11-21 21:20 GMT

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की एक अदालत ने रिश्वत लेने में आरोप में दोषी ठहराते हुए तहसील कार्यालय में पदस्थ रीडर को चार वर्ष के कारावास की सजा से दण्डित किया है। 

लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अक्षय कुमार द्विवेदी ने आरोपी पर 62 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसमें से 60 हजार रूपए की राशि शिकायतकर्ता को प्रदान करने के निर्देश दिए है।

अभियोजन के अनुसार नरेन्द्र जायसवाल ने वर्ष 2003 में मंगोली में जमीन खरीदी थी। खसरे में नाम चढ़ाने के लिए उनकी तरफ से तहसील कार्यालय में दायर किया था। खसरें में नाम चढ़ाने के एवज में तहसील कार्यालय में रीडर के पद पर पदस्थ सुरेन्द्र पांडे ने नरेन्द्र जायसवाल के कर्मचारी सुशील विश्वकर्मा से रिश्वत के रूप में 60 हजार रूपये की राशि मांगी थी। नरेन्द्र जायसवाल के एवज में सुशील विश्वकर्मा ने मामलें की शिकायत लोकायुक्त से की थी। 

लोकायुक्त की टीम ने 6 सितम्बर 2014 को तहसील कार्यालय में रीडर को 60 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथो पकड़ा था।
लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अक्षय कुमार द्विवेदी ने आरोपी पर 62 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसमें से 60 हजार रूपये की राशि शिकायतकर्ता को प्रदान करने के निर्देश दिए है।

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