मप्र : अंबेडकरवादियों और आदिवासियों ने एकजुट होकर जलाया 'ईवीएम का प्रतीक'
देश जैसे-जैसे 'न्यू इंडिया' बनने की ओर अग्रसर होता जा रहा है, वोटरों का ईवीएम से भरोसा शायद उठाता जा रहा है;
भोपाल। देश जैसे-जैसे 'न्यू इंडिया' बनने की ओर अग्रसर होता जा रहा है, वोटरों का ईवीएम से भरोसा शायद उठाता जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को सामने आया। अंबेडकरवादियों और आदिवासियों ने एकजुट होकर मतपत्र (बैलेट) के जरिए चुनाव कराने की मांग करते हुए ईवीएम के प्रतीक को जलार स्थित दशहरा मैदान में बहुजन संघर्ष दल की अगुवाई में रविवार को सभा का आयोजन किया गयाया और भाजपा के खिलाफ लामबंद होने का नारा बुलंद किया। राजधानी के तात्याटोपे नग। इस सभा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, शरद यादव के लोकतंत्रिक जनता दल सहित कई भाजपा विरोधी दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
इस सभा में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने कहा, "पहले यह तय करना होगा कि क्या संविधान को बचाना है या पहले भाजपा को हटाना है। भाजपा को हटाना है तो सभी विरोधी दलों को एकजुट होना होगा, ताकि वोट का बंटवारा रोका जा सके। ऐसा होने पर ही भाजपा को हटाया जा सकेगा।"
इस मौके पर लोकतांत्रिक जनता दल के गोविंद यादव ने कहा कि सबसे पहले जनप्रतिनिधि अधिनियम में बदलाव जरूरी है, इसलिए अब चुनाव में मतदान ईवीएम से नहीं, बल्कि मतपत्र से होना चाहिए। वास्तव में ईवीएम पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का नियंत्रण होता है।
वहीं, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गुलजार सिंह मरकाम ने कहा कि अब पीला और नीला झंडा साथ आया है। इस राज्य में उसी दल का राज्य रहा है, जिनका आदिवासियों ने साथ दिया। पहले आदिवासियों ने कांग्रेस का साथ दिया तो वे सत्ता में रहे और बीते 15 साल से भाजपा के साथ हैं, इसलिए भाजपा सत्ता में है।
इसी तरह बहुजन संघर्ष मंच के प्रमुख फूल सिंह बरैया ने साफ तौर पर कहा कि मायावती उनकी बड़ी बहन हैं, वे उनके साथ काम करने को तैयार हैं। इस मौके पर कांशीराम के भांजे रविंदर सिंह भी मौजूद रहे।