डीएनए विधेयक के जरिए मोदी सरकार कर रही है निजता में झांकने का प्रयास: कांग्रेस

कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार शुरू से ही लोगों की जासूसी करने और निजता में झांकने की प्रवृत्ति से ग्रसित रही है;

Update: 2018-08-26 16:56 GMT

नयी दिल्ली।  कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार शुरू से ही लोगों की जासूसी करने और निजता में झांकने की प्रवृत्ति से ग्रसित रही है और इसी मकसद से वह अब जल्दबाजी में डीएनए विधेयक लाकर उसे संसद में पारित कराना चाहती है।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस विधेयक को सरकार ने मानसून सत्र में राज्यसभा में पेश किया था लेकिन इसको लेकर विपक्षी दलों के रुख को भांप कर इसे वापस ले लिया और फिर आनन फानन में सत्र समापन के महज दो दिन पहले लोकसभा में पेश कर दिया। उन्होंने कहा कि यह लोगों की निजता से जुड़ी सूचना का मामला है और इसकी सुरक्षा को लेकर संसद में इस पर व्यापक विचार विशर्म आवश्यक है।

सिंघवी ने कहा कि लोगों का डाटा सुरक्षित रखने के लिए डाटा सुरक्षा विधेयक प्रस्तावित है। उसमें डाटा की सुरक्षा को लेकर व्यापक व्यवस्था की गयी है तो सरकार उससे पहले डीएनए विधेयक क्यों ला रही है इस बारे में उसे स्पष्ट करना चाहिए। इस विधेयक को लाने में सरकार जल्दबाजी क्यों कर रही है इस पर पूरा देश उससे सवाल पूछ रहा है और उसे लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इसका जवाब देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों की निजता का सम्मान करना चाहिए और देशवासियों के डाटा की सुरक्षा का पहले पुख्ता इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक लाने का जो मकसद सरकार बता रही है वह स्पष्ट नहीं है। विधेयक में किए गए प्रावधान लोगों के निजी डाटा के संरक्षण की गारंटी नहीं दे रहा है इसलिए इस विधेयक में जल्दबाजी करने की बजाए इसे गंभीरता से लेना चाहिए और पहले डाटा सुरक्षा से जुड़े उपाय करने चाहिए। 

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