कैबिनेट का फैसला: 6 और एयरपोर्ट का प्रबंधन प्राइवेट हाथों में, एनआरए कराएगी सीईटी परीक्षा

देश में निजीकरण का सिलसिला और बढ़ाते हुए अब बैंकों, रेलवे स्टेशनों के बाद सरकार ने एयरपोर्ट्स को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है;

Update: 2020-08-19 18:15 GMT

देश में निजीकरण का सिलसिला और बढ़ाते हुए अब बैंकों, रेलवे स्टेशनों के बाद सरकार ने एयरपोर्ट्स को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है. जी हां आज हुई मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में देश के 6 एयरपोर्ट का मैनेजमेंट और ऑपरेशन प्राइवेट प्लेयर को सौंपने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद ये सवाल फिर उठता है कि आखिर क्या होगा देश का…महामारी के दौर में आज मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक हुई. जिसे लेकर उम्मीद लगाई जा रही थी कि जनता की भलाई के लिए कई फैसले लिए जाएंगे…अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में सरकार कोई कदम उठाएगी…लेकिन मोदी सरकार ने ऐसे प्रस्ताव पर मुहर लगाई, जिसने सभी को हैरान कर दिया है… जी हां देश के और 6 एयरपोर्ट का मैनेजमेंट और ऑपरेशन प्राइवेट प्लेयर को दिया गया है.प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि छह हवाई अड्डों का संचालन, प्रबंधन और विकास का ठेका प्राइवेट कंपनियों को दिए जाने का फैसला किया गया है. इसके लिए नीलामी के जरिए टेंडर मंगाया गया था. सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को जयपुर, गुवाहाटी और तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे देने का फैसला किया गया है.उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एयरपोर्ट को पूरी तरह से प्राइवेट कंपनी को नहीं देगी. 50 साल तक चलने के बाद वे एयरपोर्ट फिर से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को वापस मिलेंगे…सरकार के इस फैसले से देश की जनता को नुकसान हो सकता है. दरअसल निजीकरण को बढ़ावा देने से प्राइवेट कंपनियां अपनी मनमानी करेंगी…किराए में बढ़ोत्तरी हो सकती है. आम नागरिकों के लिए हवाई सफर करना और भी मुश्किल हो जाएगा. लेकिन सरकार ने जनता की इस परेशानी के बारे में जरा भी नहीं सोचा और प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. इसके अलावा मोदी कैबिनेट ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) को अधीनस्थ पदों के लिए सीईटी यानी कॉमन एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने का अधिकार दे दिया गया है…केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज नौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती है. यह सब समाप्त करने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी अब कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट लेगी. इससे युवाओं को लाभ होगा. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश में करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं. ये सब समाप्त करते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. उन्होंने ने कहा कि युवाओं की ये मांग वर्षों से थी. लेकिन अबतक इसपर फैसला नहीं लिया गया था. इस एक फैसले से युवाओं की तकलीफ भी दूर होगी और उनका पैसा भी बचेगा. युवाओं को अब एक ही परीक्षा से आगे जाने का मौका मिलेगा. कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल तक मान्य रहेगी. इस दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेगा…अब सरकार तो रोजगार देने का दावा कर रही है…लेकिन वहीं एयरपोर्ट का निजीकरण करके लोगों के भविष्य पर संकट भी ला रही है. इस पर जाहिर तौर पर सियासी पारा गरमाना तय है

Tags:    

Similar News