विधायक कुलदीप सिंह ने खुद को बताया निर्दोष, कहा - भाजपा को बदनाम करने की साजिश

बलात्कार और हत्या के मामले में खुद को निर्दोष बताते हुये उन्नाव में बांगरमऊ के कुलदीप सिंह सेंगर ने दलील दी कि कुछ अवांछनीय तत्व उनके कंधे पर बंदूक रखकर पार्टी को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।;

Update: 2018-04-12 16:34 GMT

लखनऊ।  बलात्कार और हत्या के मामले में खुद को निर्दोष बताते हुये उन्नाव में बांगरमऊ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने दलील दी कि कुछ अवांछनीय तत्व उनके कंधे पर बंदूक रखकर पार्टी को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। 

मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले करने के उत्तर प्रदेश सरकार सरकार के फैसले का स्वागत करते हुये आरोपी विधायक ने दावा किया कि जांच एजेंसी उन्हे क्लीन चिट देगी। 

उन्होने कहा “ मैने अपने संपूर्ण सार्वजनिक जीवन में कभी भी कुछ गलत नही किया लेकिन कुछ लोग उन्हे बेवजह बदनाम करने में जुटे हुये हैं। ”

विधायक ने कहा “कुछ लोग मुझे दबंग कह रहे है। मुझे इससे कोई आपत्ति नही है। जनता की आवाज मैने हर मंच पर बेबाकी से उठायी है लेकिन अर्नगल आरोप लगाकर बदनाम करने वाले लोग मेरे खिलाफ ऐसी साजिश क्यों रच रहे है। इसके बारे में पता करना जरूरी है। ”

सेंगर ने कहा “ मैने पार्टी के नाम का कभी बेजा इस्तेमाल नही किया। मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद है। बलात्कार पीडिता का पिता एक अपराधी था। सीबीआई जांच में उक्त व्यक्ति के बारे में खुलासा हो जायेगा और मेरे खिलाफ किये गये षडयंत्र का भंडाफोड होगा। ”

पार्टी का साथ मिलने की बात को स्वीकार करते हुये बांगरमऊ के विधायक ने कहा कि ऐसा हो सकता है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को उन्नाव की सभी पांच विधानसभा सीटों पर जीत के लिये उन्होने कडी मेहनत की थी।

उन्होने कहा कि वह भाजपा के एक निष्ठावान कार्यकर्ता है हालांकि गिरफ्तार किये गये अपने भाई अतुल की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की बात से वह मुकर गये।

इस बीच बलात्कार पीडिता ने आरोपी विधायक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। पत्रकारों से बातचीत में उसने कहा “ पिता की मृत्यु के बाद मेरे जहन में ढेरो सवाल उमड रहे हैं। मुझे इंसाफ कैसे मिलेगा। सीबीआई जांच सही है लेकिन पहले विधायक को गिरफ्तार करना चाहिये। वह जांच को प्रभावित कर सकता है। मुझे अब अपने चाचा की जान जाने का डर लग रहा है। ”

दूसरी ओर पीडिता के चाचा ने कहा कि वह सीबीआई जांच के सरकार के फैसले से संतुष्ट हैं। आखिरकार सेंगर के खिलाफ पुलिस को एफआइआर दर्ज करनी पडी। इसे अगर पहले किया जाता तो उनके भाई की जान को बचाया जा सकता था। अब यह देखना है कि पुलिस आरोपी को कब गिरफ्तार करती है।

गौरतलब है कि योगी सरकार के दिशा निर्देश से  सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में धारा 363, 366, 376, 506 औ पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है हालांकि पुलिस विधायक को इस दलील के साथ गिरफ्तार करने से बच रही है कि मामला अब सीबीआई के पास है और इसलिये उसे ही इस बारे में फैसला लेना है।

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