माइकल फेल्प्स : वो जानता है लहरों से लड़ने का हुनर, ओलंपिक में 'मेडल किंग' के नाम से है मशहूर

। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने नाम को चरितार्थ करते है, माइकल फेल्प्स उन्हीं चंद लोगों में से एक हैं। ओलंपिक खेलों में खिलाड़ी एक मेडल हासिल करने के लिए भी तरस जाते हैं, वहीं माइकल फेल्प्स के नाम पांच ग्रीष्मकालीन खेलों में कुल 28 मेडल (जिनमें 23 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज) हैं;

Update: 2024-08-17 10:13 GMT

नई दिल्ली। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने नाम को चरितार्थ करते है, माइकल फेल्प्स उन्हीं चंद लोगों में से एक हैं। ओलंपिक खेलों में खिलाड़ी एक मेडल हासिल करने के लिए भी तरस जाते हैं, वहीं माइकल फेल्प्स के नाम पांच ग्रीष्मकालीन खेलों में कुल 28 मेडल (जिनमें 23 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज) हैं। उनका बड़ा शरीर, चौड़े कंधे और बड़े पैर पानी में पंख की तरह काम करते हैं और यही उनके शरीर को तैराकी के लिए एकदम फिट बनाती है। इस खिलाड़ी ने बिजिंग ओलंपिक में रिकॉर्ड आठ गोल्ड मेडल जीते थे। 17 अगस्त के दिन ही आठवां पदक अपने नाम किया था।

यक़ीनन फेल्प्स अब तक के इतिहास के सबसे अच्छे तैराक हैं, लेकिन वो एक अच्छे बेटे भी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि माइकल फेल्प्स ने तैराकी अपनी मर्जी से नहीं बल्कि अपनी मां के कहने पर शुरू की थी। मगर धीरे-धीरे उनका इसमें मन लग गया और उनके बनाए गए कीर्तिमान की वजह से आज उन्हें दुनियाभर के वो लोग भी जानते हैं जो खेलों में कम रुचि रखते हैं।

अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स को ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में 'मेडल किंग' कहा जाता है। फेल्प्स ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में 28 मेडल जीते थे, जो कि किसी एथलीट द्वारा ओलंपिक खेलों में जीते हुए सर्वाधिक मेडल है। फेल्प्स ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में 13 गोल्ड मेडल जीते हैं।

30 जून 1985 को मैरीलैंड के बाल्टीमोर में जन्मे माइकल फेल्प्स ने बीजिंग में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में 8 मेडल जीते थे। 7 साल की उम्र से तैराकी करने वाले फेल्प्स ने 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले, 200 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर मेडले, 4x100 मीटर फ्रीस्टाइल, 4x200 मीटर फ्रीस्टाइल, 4x100 मीटर मेडले और 4x100 मीटर मेडले में गोल्ड मेडल जीतकर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया।

2016 में रिटायरमेंट लेने के बाद फेल्प्स ने बताया, "मैं पानी में केवल इसलिए गया क्योंकि मेरी मां चाहती थी कि मैं तैरना सीखूं। मेरी बहनों और मुझे इस खेल से प्यार हो गया था और हमने तैराकी सीखने का फैसला किया।"

10 साल की उम्र में फेल्प्स ने अपने आयु वर्ग (100 मीटर बटरफ्लाई) में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया था जिसके बाद उन्होंने कोच बॉब बोमन से नॉर्थ बाल्टीमोर एक्वाटिक क्लब में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया।

साल 2000 में सिडनी में आयोजित हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से अपने करियर की शुरुआत करने वाले फेल्प्स अपने पहले ओलंपिक में कोई मेडल नहीं जीते पाए, लेकिन 4 साल बाद एथेंस में आयोजित ओलंपिक में अमेरिकी तैराक ने 6 गोल्ड और 2 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। अपने खेल को और बेहतर बनाते हुए फेल्प्स ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में 8 गोल्ड मेडल, 2012 लंदन ओलंपिक में 4 गोल्ड मेडल और 2 सिल्वर मेडल जीते, जबकि 2016 रियो ओलंपिक में 5 गोल्ड मेडल जीतकर अपने शानदार करियर के स्वर्णिम अध्याय को विराम दिया। इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है कि माइकल फेल्प्स अब तक के सबसे महान ओलंपियन हैं।

Full View

 

Tags:    

Similar News