मेट्रो ने ‘पीक आॅवर’की परिभाषा बदली

मेट्रो के किराये में बेतहाशा बढोतरी की मार झेल रहे यात्रियों को ‘पीक आॅवर’ की परिभाषा बदलने से अब दोहरी मार झेलनी पड़ रही है;

Update: 2017-10-15 12:57 GMT

नयी दिल्ली। मेट्रो के किराये में बेतहाशा बढोतरी की मार झेल रहे यात्रियों को ‘पीक आॅवर’ की परिभाषा बदलने से अब दोहरी मार झेलनी पड़ रही है क्योंकि बडी संख्या में यात्री स्मार्ट कार्ड पर मिलने वाली 20 प्रतिशत छूट का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। दिल्ली मेट्रो ने गत 10 अक्टूबर को छह महीने में दूसरी बार किराये में बढोतरी की थी । इसमें न्यूनतम किराये में कोई वृद्धि नहीं की गयी लेकिन इसके बाद दूरी के हिसाब से लगभग हर श्रेणी में दस रूपये बढाये गये हैं।

किराये में बढोतरी का यात्रियों , सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने कड़ा विरोध किया है और वे इसे वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। स्मार्ट कार्ड से यात्रा करने वाले लोगों को शुरू से ही 10 प्रतिशत की छूट मिलती रही है और गत अप्रैल में किराया बढाये जाने पर ‘नान पीक आवर’ में इसे बढाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया था। लेकिन 10 अक्टूबर से किराये में वृद्धि के बाद मेट्रो ने ‘पीक आॅवर’ की परिभाषा बदल दी है जिससे स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले काफी यात्री इस लाभ से वंचित हो गये हैं।

दरअसल पहले यह छूट यात्रियों के मेट्रो नेटवर्क से ‘एक्जिट’ यानि उससे बाहर निकलने के समय से जुडी थी लेकिन अब यह उनके मेट्रो नेटवर्क में ‘एन्ट्री’ यानी प्रवेश के समय से जोड दी गयी है। दस अक्टूबर से पहले स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को सुबह 8 बजे तक , अपराह्न 12 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक और रात नौ बजे के बाद मेट्रो नेटवर्क से ‘एक्जिट’ यानि बाहर निकलने पर 20 प्रतिशत छूट मिलती थी लेकिन नयी परिभाषा में इसे बदल दिया गया है। नयी व्यवस्था में सुबह आठ बजे से पहले , अपराह्न 12 बजे से शाम 5 बजे तक और रात नौ बजे के बाद मेट्रो नेटवर्क में ‘एन्ट्री’ यानी प्रवेश करने वाले यात्रियों को ही 20 प्रतिशत छूट का फायदा मिलेगा।

 

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