मेघवाल ने किये ‘राष्ट्रीय मुकदमा नीति’ पर हस्ताक्षर
केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज यहां कार्यभार ग्रहण किया और पहले दस्तावेज के रूप में ‘राष्ट्रीय मुकदमा नीति’ पर हस्ताक्षर किये;
नई दिल्ली। केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने आज यहां कार्यभार ग्रहण किया और पहले दस्तावेज के रूप में ‘राष्ट्रीय मुकदमा नीति’ पर हस्ताक्षर किये।
शास्त्री भवन स्थित विधि एवं न्याय मंत्रालय में मध्याह्न करीब 12 बजे कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री मेघवाल ने कामकाज की शुरुआत का शगुन करते हुए राष्ट्रीय मुकदमा नीति के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ज़ोर ईज़ ऑफ लिविंग यानी जीवन की सुगमता पर है। कानून मंत्रालय ने इसी को ध्यान में रखते हुए पुराने अप्रासंगिक हो चुके 1500 से अधिक कानूनों को निरस्त कर दिया है तथा आगे और भी ऐसे कानून हटाएंगे।
श्री मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने आम जनों के जीवन की सुगमता को ध्यान में रख कर ही अंग्रेज़ों के ज़माने की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम को समाप्त करके नये कानून -भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बनायेे हैं। इनके बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में काम करना होगा।
जजों के चयन की कॉलेजियम प्रक्रिया को खत्म करने की पुरानी मांग के बारे में पूछे जाने पर श्री मेघवाल ने कहा कि इसे लेकर कोई शिकायत नहीं है और सभी व्यवस्थाएं कानून एवं संविधान सम्मत हैं।
राजस्थान के बीकानेर से तीसरी बार निर्वाचित होने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री मेघवाल 70 वर्ष के हैं। उन्हें इस बार केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में विधि एवं न्याय विभाग में स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था। इससे पहले भी वे इन दोनों पदों के साथ संस्कृति मंत्रालय में भी राज्यमंत्री थे।