विधायकों की बैठक में केजरीवाल ने की चुनाव में हार की समीक्षा, पार्षदों को दिलाई ईमानदारी की शपथ

ल्ली नगर निगम चुनाव में करारी हार मिलने के बाद अब आम आदमी पार्टी में मंथन का सिलसिला चल रहा है;

Update: 2017-04-28 12:04 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव में करारी हार मिलने के बाद अब आम आदमी पार्टी में मंथन का सिलसिला चल रहा है। कोई नेता जहां चुनाव आयोग से ईवीएम पर मंथन करवाना चाहता है, तो कुछ पार्टी के ही नेता आत्ममंथन की भी सलाह देते दिख रहे है। 

इसी बीच दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री व आप पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने निगम चुनाव की समीक्षा करने के लिए अपने आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। 

बैठक के बाद “आप”के ग्रेटर कैलाश विधानसभा के विधायक सौरभ भारद्वाज ने चुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा, तो आत्ममंथन की बात कर रहे नेताओं की सलाह को व्यक्तिगत मत बताया। 

उन्होंने कहा कि निगम चुनाव में आप की इस हार के लिए ईवीएम मशीन जिम्मेदार है, जिसमें गड़बड़ी होने का अंदेशा है। हालांकि उन्होंने वरिष्ठ नेता व दिल्ली सरकार में जलमंत्री कपिल मिश्रा की आत्ममंथन वाली बात पर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मत हो सकता है और उस पर भी विचार किए जाने की जरूरत है। 
बैठक के बारे में उन्होंने बताया किचुनाव के दौरान की कमियों पर चर्चा की गई, लेकिन बैठक का उद्देश्य महज चुनावी चर्चा नहीं था। यह आप विधायकों की आम बैठक थी, जो महीने, दो महीने पर लगातार होती रहती है। 

बता दें कि इससे पहले आप के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने पार्टी को ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ने की बजाए आत्मचिंतन की सलाह दी थी। 
दूसरी ओर, बैठक में अरविंद केजरीवाल ने अपने नवनिर्वाचित पार्षदों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया, जहां अरविंद केजरीवाल ने आप के निगम पार्षदों को निर्देश दिया कि अगर विपक्षी बहकाने की कोशिश करें तो बहकावे में नहीं आना है और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी के मूल सिंद्धात को जिंदा रखना है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने और फिर पार्टी को खड़ा करने के लिए बहुत सारे कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी नौकरियां छोड़कर काम किया है और हम सब लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि हम उन कार्यकर्ताओं के बलिदान और त्याग का सम्मान करते हुए पार्टी को पूरी ईमानदारी से आगे बढ़ाएंगे। 

उन्होंने पार्षदों से बात करते हुए कहा कि पार्टी पहली बार नगर निगम का चुनाव लड़ रही थी, अक्सर ऐसा होता है कि जो पार्टी पहली बार चुनाव लड़ती है तो उसका कोई उम्मीदवार चुनकर नहीं आता है। आप पार्टी को न सिर्फ लोग जानते हैं, बल्कि सम्मान भी करते हैं जिसका नतीजा है कि आज आप के पार्षद यहां बैठे हैं। 

उन्होंने दावा किया कि दूसरी पारम्परिक पार्टियों में लोग टिकट खरीद कर चुनाव लड़ते हैं और उन पर जीतने के बाद अपने पैसे कमाने का दबाव होता है। वे लोग भ्रष्टाचार का रास्ता अपनाते हैं, आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवारों को उनकी काबिलियत के आधार पर टिकट दिया गया था, लिहाजा नए चुनकर आए पार्षद ठेठ ईमानदारी की मिसाल बनने चाहिएं और पार्टी के मूल सिद्धांत को ना केवल जिंदा रखें, बल्कि जनता के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करेंगे।

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