मनोज तिवारी ने केजरीवाल को दी खुली चुनौती
दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा अमर्यादित एवं अहंकारी भाषा के प्रयोग की निंदा करते हुए भाजपा नेता मनोज तिवारी व पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है;
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अमर्यादित एवं अहंकारी भाषा के प्रयोग की निंदा करते हुए भाजपा नेता मनोज तिवारी व पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और जनता के चुने नेता ने खुद को दिल्ली का मालिक कह कर जनता एवं लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं।
श्री तिवारी ने आरोप लगाया गेस्ट टीचरों के मामले में बेनकाब हुए केजरीवाल इस पूरे मामले को इतना उलझा देना चाहते है कि लम्बे समय न्यायालय में लटका लेकिन जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे।
उन्होंने कहा कि यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि उसकी किस्मत का फैसला एक अनाड़ी मुख्यमंत्री कर रहा है जिसे समाधान से ज्यादा समस्याएं उत्पन्न करने में दिलचस्पी है। श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में आज शिक्षकों के रिक्त पदों से छात्र परेशान हैं और इसलिए हम मांग करते हैं सरकार 18 हजार शिक्षक अविलमब भर्ती करें और शेष 17 हजार गेस्ट टीचरों को बहाल रखा जाये। श्री तिवारी ने कहा की मुख्यमंत्री बार-बार रायशुमारी का राग अलापते रहे हैं अगर हिम्मत है तो दिल्ली की समस्याओं को लेकर वह हमसे सार्वजनिक मंच पर बहस करें। हर मोर्चे पर विफ ल सरकार के मुखिया अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं उन्होंने कहा कि शायद केजरीवाल को नहीं पता कि सरकारें संविधान व नियम कानून पर चलती है।
श्री तिवारी ने कहा कि केजरीवाल राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, जंगल में शासन करने वाले नक्सलियों के सरदार नहीं। केजरीवाल को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि बार-बार रायशुमारी का राग अलापने वाले केजरीवाल में अगर हिम्मत है तो दिल्ली की समस्याओं पर सार्वजनिक मंच पर बहस कर लें।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री ने कल सदन में मर्दानगी शब्द का बार-बार प्रयोग कर बताया है कि मुख्यमंत्री ने रावण के अहंकार को अपनाया। केजरीवाल को कानून पर भरोसा नहीं है। घोषणा पत्र में किए वादों से मुकरना एवं जनता को गुमराह करना ही उनकी मर्दानगी है।
अरविंदर सिंह लवली ने कहा संविधान की कसम खाकर मुख्यमंत्री बने केजरीवाल द्वारा बार-बार संविधान का अपमान करना ही शायद उनकी मर्दानगी है लेकिन वह एक सड़क छाप एवं गैर जिम्मेदार आदमी से अधिक नहीं है और सदन में किया गया उनका व्यवहार इस बात को जाहिर करने के लिए काफी है।
श्री लवली ने कहा किकेजरीवाल दिल्ली प्रशासन अधिनियम की धारा 55 का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं उनकी हरकत से यह साबित होता है कि या तो उन्हें कानून का ज्ञान नहीं है या फिर उनका कानून पर भरोसा नहीं है।