कोविड के नए वैरिएंट को लेकर मध्यप्रदेश सरकार एक्शन मोड में, बनाई ये रणनीति

मप्र में इसके संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल्स की शत-प्रतिशत जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट आने तक कोविड संक्रमित मरीज को आइसोलेशन में रहना होगा;

Update: 2022-12-23 05:18 GMT

गजेन्द्र इंगले

भोपाल/ ग्वालियर: देशभर में नए कोविड वैरिएंट BF.7 के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर सप्ताह बैठक कर कोविड पर निगरानी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि चीन से फिर कोविड आ रहा है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। नए वैरिएंट पर सरकार सतर्क है। भोपाल के एम्स और ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीओ) में कोविड संक्रमितों के सेम्पल की जांच की जाएगी। 

 

स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि चीन में कोविड का संक्रमण जिस वैरिएंट BF.7 के कारण बढ़ा है। उस वैरिएंट का एक भी केस अब तक मध्यप्रदेश में नहीं है। मप्र में इसके संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल्स की शत-प्रतिशत जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट आने तक कोविड संक्रमित मरीज को आइसोलेशन में रहना होगा। ताकि संबंधित संक्रमित मरीज से स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित न हो।

 

ग्वालियर में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कोविड को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत लोगों को सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग, बार-बार हाथ धाेने और संक्रमित होने पर डॉक्टर की सलाह लेकर होम आइसोलेट रहने के निर्देश दिए हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि जरूरत होने पर धारा 144 जारी की जाएगी।

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