गुरु पर्व पर आस्था के रंग में रंगा किसानों का आंदोलन, प्रदर्शन है जारी
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया;
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बीच गुरु नानक जयंती के मौके पर आस्था के रंग भी देखने को मिले और प्रदर्शन स्थल पर गुरबानी और शबद की गूंज सुनने को मिली।
WATCH: Special Ardaas (prayers) on the occasion of #Gurupurab at the Burari DDA grounds where the protesting farmers have been given a place to converge. #FarmersProtest pic.twitter.com/WakS0nFcC3
ट्रैक्टर ट्रॉलियों से भरे सिंघु सीमा विरोध स्थल गुरुओं (गुरबानी) के शब्दों से गूंजता रहा क्योंकि सभा को संबोधित कर रहे किसानों ने उन्हें अपने भाषणों में इसे शामिल कर लिया।
Our farmers at the Singhu border praising Guru Nanak Dev Ji and Singing Songs about him on His 551th Gurupurab #FarmersProtest #FarmersBill2020 pic.twitter.com/I74UbDKWB9
सोमवार सुबह सूरज उगने के साथ ही प्रदर्शनकारियों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ फिर से नारेबाजी शुरू हो गई। वहीं दूसरी तरफ, सुरक्षा बल की तैनाती भी सीमा पर बढ़ गई ताकि जारी विरोध प्रदर्शन के बीच शांति और सद्भाव को बरकरार रखा जाए। किसानों ने रविवार को केंद्र द्वारा दिल्ली के बुराड़ी मैदान में विरोध करने और सीमाओं पर नाकेबंदी हटाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
किसानों ने कहा कि बातचीत का प्रस्ताव सशर्त है और वे बुराड़ी नहीं जाएंगे। किसानों को निर्देश दिया गया था कि वे अपने नेताओं के अगले निर्देश तक जहां हैं वहीं रहें। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने भी गाजीपुर में रहने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "हम इस स्थल को नहीं छोड़ेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। केंद्र को आगे आना चाहिए और किसानों की बात सुननी चाहिए।"