वृद्धाश्रम में रहने की व्यवस्था को लेकर डीएम को लिखा पत्र

जिंदगी के आखिरी पड़ाव में दिव्यांग वृद्ध को अपनों की उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है;

Update: 2017-08-17 14:04 GMT

गाजियाबाद। जिंदगी के आखिरी पड़ाव में दिव्यांग वृद्ध को अपनों की उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। सुकून का जीवन गुजारने और दो चेन की रोटी के लिए भी वह दर-दर भटकने को विवश हैं।

थक-हारकर पीड़ित ने अब जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में पीड़ित ने सरकारी वृद्धाश्रम में ठहराने की व्यवस्था करने की अपील की है। दिव्यांग एवं बीमार वृद्ध किशन चंद (80) इस समय बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण वह बगैर सहारे के चलने-फिरने में असमर्थ हैं।

करीब पांच वर्ष तक वह विजय नगर थानांतर्गत महाराणा विहार ए ब्लॉक में सबसे छोटी बेटी और दामाद के साथ रहे। कुछ समय पहले हादसे में घायल होने पर किशन चंद को इलाज कराना पड़ा। इस बीच कमरे में रखे बक्से से कीमती जेवरात व नकदी गायब कर दी गई। ऐसे में गुजर-बसर करने को उन्हें दिल्ली में बड़ी बेटी के पास जाना पड़ा। आरोप है कि छोटी बेटी अब पुलिस में झूठी शिकायत कर उन्हें परेशान कर रही है। किशन चंद ने डीएम को भेजे पत्र में अपनी व्यथा बताई है। डीएम से अपील की गई है कि किसी सरकारी वृद्धाश्रम में उनके ठहरने की व्यवस्था करा दी जाए ताकि जीवन का बाकी समय वह सुकून से गुजार सकें।
 

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