सीलिंग के ख़िलाफ़ आप कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा के सामने लगाए नारे 

 आम आदमी पार्टी (आप) कें सांसदों ने बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के विरोध में संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार;

Update: 2018-01-29 16:07 GMT

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) कें सांसदों ने बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के विरोध में संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार किया।

आप के लोकसभा सदस्यों साधु सिंह, भगवंत मान व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, सुशील गुप्ता व एन.डी.गुप्ता ने हाथों में तख्तियां लेकर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास नारे लगाए।

AAP MPs are protesting near Gandhi statue inside the Parliament House against the sealing drive run by BJP led MCD in Delhi.
#AAPMarch4Traders pic.twitter.com/xpxDWmPmNF

— AAP (@AamAadmiParty) January 29, 2018


 

संसद का घेराव करने गए आप कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया।

सीलिंग के ख़िलाफ़ संसद मार्च कर रहे AAP नेताओं-कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज !#AAPMarch4Traders https://t.co/22RUtWKquJ

— AAP (@AamAadmiParty) January 29, 2018


 

Have a look, how a female AAP MLA @AapsaritaSingh is being mishandled by Police in broad day light on the streets of Delhi for a peaceful protest. pic.twitter.com/Df51zWuN46

— AAP (@AamAadmiParty) January 29, 2018


 

आप सांसद दिल्ली में सीलिंग मुहिम के खिलाफ, केंद्र सरकार के सिंगल ब्रांड खुदरा बाजार में एफडीअई की अनुमति व निर्वाचन आयोग द्वारा 20 आप विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

आप के सांसद नारे लगा रहे थे, "लोकतंत्र में तानाशाही नहीं चलेगी।"

During 'AAP's March to Parliament' against Sealing by MCD & FDI in Retail, AAP Leaders @ashutosh83B @dilipkpandey along with other leaders & MLAs being detained at Sansad Marg.#AAPMarch4Traders pic.twitter.com/iOhpNg5BjH

— AAP (@AamAadmiParty) January 29, 2018


 

विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "देश में दो नियम नहीं हो सकते।"

आप नेता ने कहा कि दूसरे राज्यों में उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया, लेकिन विधायकों की सदस्यता नहीं रद्द की गई।

इस महीने की शुरुआत में निर्वाचन आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी। इन विधायकों पर दिल्ली में संसदीय सचिव के रूप में लाभ का पद धारण करने का आरोप था। इससे पहले आप के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्यों ने शपथ ली।

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