यूपी समेत छह राज्यों में बढ़ाई गई SIR की समयसीमा, चुनाव आयोग ने जारी किया नया शेड्यूल

चुनाव आयोग ने देश के कई राज्यों में जारी स्पेशल इंटेंविस रिविजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर मतदाताओं को बड़ी राहत दी है। आयोग ने यूपी समेत छह राज्यों में एसआईआर की समयसीमा को बढ़ा दिया है।;

Update: 2025-12-11 12:14 GMT

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने यूपी समेत छह राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की समयसीमा बढ़ा दी है। आयोग ने संशोधित एसआईआर का नया शेड्यूल जारी किया है। कई राज्यों के सीईओ ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि 11 दिसंबर को खत्म हो रहे एसआईआर के लिए समयसीमा को आगे बढ़ा दिया जाए, जिसके बाद गुरुवार को चुनाव आयोग ने इसे बढ़ाने का फैसला किया।

चुनाव आयोग ने यूपी, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के वोटर्स को राहत दी है।यूपी में 11 दिसंबर तक होने वाला एसआईआर अब 26 दिसंबर तक चलेगा। वोटरों को 15 दिनों का और समय दिया गया है, जिससे वे वोटर लिस्ट में जगह बना सकें और अपने डॉक्युमेंट्स जमा कर सकें। 31 दिसंबर को नामावलियों का पब्लिकेशन होगा और 28 फरवरी, 2026 को वोटर लिस्ट का अंतिम पब्लिकेशन होगा। उत्तर प्रदेश में 26 दिसंबर (शुक्रवार) तक रिवाइज्ड एन्यूमरेशन और 31 दिसंबर (बुधवार) तक पब्लिकेशन की तारीख है।

चुनाव आयोग के नए शेड्यूल के अनुसार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान व निकोबार में अब 18 दिसंबर तक रिवाइज्ड एन्यूमरेशन और 23 दिसंबर (मंगलवार) को पब्लिकेशन होगा। तमिलनाडु में अब 14.12.2025 (रविवार) तक रिवाइज्ड एन्यूमरेशन की तारीख को बढ़ाया गया है, जबकि पब्लिकेशन की डेट 19.12.2025 (शुक्रवार) हो गई है। गुजरात में 14 दिसंबर (रविवार) तक रिवाइज्ड एन्यूमरेशन और 19 दिसंबर (शुक्रवार) को पब्लिकेशन हो सकेगा।

बीते दिन, उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने कहा था कि राज्य ने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को पूरा करने के लिए दो और सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया था। रिनवा ने कहा था कि यह विस्तार इसलिए मांगा गया ताकि जिला चुनाव अधिकारी मृत मतदाताओं, दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं और लापता मतदाताओं के नाम दोबारा सत्यापित कर सकें।

उनके अनुसार, अब तक 99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है। इनमें से 18.85 प्रतिशत - लगभग 2.91 करोड़ प्रविष्टियां अपुष्ट श्रेणी के अंतर्गत आती हैं, जिनमें 1.27 करोड़ मतदाता शामिल हैं जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, लगभग 45.95 लाख मतदाता जिनकी मृत्यु हो चुकी है, 23.69 लाख डुप्लिकेट मतदाता, 9.58 लाख जिन्होंने अपने फॉर्म वापस नहीं किए हैं, और 84.73 लाख अनुपस्थित मतदाता शामिल हैं। 31 दिसंबर, 2025 से 21 फरवरी, 2026 तक, अधिकारी नोटिस पर फैसला करेंगे, गिनती के फॉर्म वेरिफाई करेंगे, और दावों और आपत्तियों का निपटारा करेंगे।

इससे पहले 30 नवंबर को, चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शेड्यूल को एक हफ्तेभर के लिए बढ़ा दिया था, जिससे वोटरों को आने वाले चुनावों से पहले यह कन्फर्म करने के लिए ज्यादा समय मिल सके कि उनके नाम वोटर लिस्ट में सही तरह से शामिल हैं।

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