महिला नेता पर भाजपा विधायक की टिप्पणी अस्वीकार्य : नवीन पटनायक

ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद )प्रमुख नवीन पटनायक ने पार्टी की वरिष्ठ नेता लेखाश्री सामंतसिंघर के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक संतोष खटुआ की टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे "बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य" बताया है;

Update: 2025-07-04 07:56 GMT

भुवनेश्वर। ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद )प्रमुख नवीन पटनायक ने पार्टी की वरिष्ठ नेता लेखाश्री सामंतसिंघर के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक संतोष खटुआ की टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे "बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य" बताया है।

पटनायक ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा "राजनीतिक प्रतिक्रिया के तौर पर सार्वजनिक रूप से एक महिला को बदनाम करना एक बीमार मानसिकता को दर्शाता है और इसका उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में महिलाओं को चुप कराना है। इससे तो यह संदेश जाता है कि सभी महिलाओं को चुप रहना चाहिए।"

ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आगे कहा "इससे भी ज्यादा निराशाजनक बात यह है कि इस मामले में भाजपा नेताओं ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। विधायक की घृणित टिप्पणी की निंदा करने या उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए एक भी सदस्य आगे नहीं आया है।"

पटनायक ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया न आना सार्वजनिक जीवन में महिलाओं के प्रति उसके वास्तविक रुख को दर्शाता है। उन्होंने कहा "महिलाओं के सशक्तिकरण पर सलाह देने से पहले राजनीतिक नेताओं को महिलाओं का सम्मान करने के बुनियादी सिद्धांत को सीखना चाहिए।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने टिप्पणी को "बेहद असहनीय और अमानवीय" करार देते हुए कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि की ओर से इस तरह की भाषा ने ओडिशा के राजनीतिक विमर्श को निम्न स्तर पर पहुंचा दिया है।

उन्होंने ओडिशा के सभी जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे राज्य विधानसभा में प्रवेश करने वाले ऐसे महिला विरोधी और नकारात्मक मानसिकता वाले लोगों को पहचानें। बीजद सुप्रीमो ने कहा "हमें राजनीतिक संबंधोंकी परवाह किए बिना इस व्यवहार का विरोध करने और जवाबदेही की मांग करने के लिए एकजुट होना चाहिए। अन्यथा हम एक समाज के रूप में अपनी बेटियों और माताओं को विफल कर देंगे।"

गौरतलब है कि विवाद तब शुरू हुआ जब नीलगिरि से भाजपा विधायक खटुआ ने हाल ही में बीजद नेता सामंतसिंघर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की। इस टिप्पणी से व्यापक आक्रोश फैल गया है। बीजद नेताओं ने खटुआ और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की है। विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने भी टिप्पणी की निंदा की और इसे "राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर हमला" बताया।

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