भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक तेलंगाना विधानसभा में हुआ पास
तेलंगाना विधानसभा में रविवार को कांग्रेस द्वारा किसानों की समस्याओं पर चर्चा की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन के बीच भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया;
हैदराबाद| तेलंगाना विधानसभा में रविवार को कांग्रेस द्वारा किसानों की समस्याओं पर चर्चा की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन के बीच भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया। इससे पहले, कानून मंत्रालय ने विधेयक को वापस भेज दिया था।
रविवार को दोनों सदनों की विशेष एकदिवसीय सत्र में मात्र 10 मिनट के अंदर तेलंगाना भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन (उचित मुआवजा एवं पारदर्शिता का अधिकार) (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया।
रविवार को ही विधान परिषद का भी सत्र बुलाया गया है, जहां इस विधेयक को पारित किया जाएगा। विधानसभा की बैठक जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस के सदस्य मिर्च उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिए जाने पर चर्चा की मांग करने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष मधुसूदन चारी ने हालांकि कहा कि यह सत्र भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित करने के एकमात्र उद्देश्य से बुलाया गया है और उसके अलावा अन्य कोई कार्य नहीं होगा। उप मुख्यमंत्री तथा राज्य के राजस्व मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने विधेयक पेश किया, जो ध्वनिमत से पारित हो गया।
विधेयक पारित होने के तत्काल बाद अध्यक्ष ने अनिश्चित काल के लिए सत्र स्थगित कर दिया। सत्र के स्थगन के बाद भी काफी देर तक कांग्रेस सदस्य विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन में ही बैठे रहे।
सदन से बाहर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष के. जना रेड्डी ने पत्रकारों से कहा कि सदन की कार्यवाही अलोकतांत्रिक तरीके से चलाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार किसानों के मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी विधानसभा की इमारत के नजदीक सरकार के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया। इससे पहले, भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों को शनिवार को विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में नहीं बुलाया गया था।