उज्जवला योजना से दूर करेंगे जिले में हार का अंधकार

कोरबा ! यूं तो कोरबा जिले में 1 हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्य चल रहे हैं और अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों व सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया।;

Update: 2017-05-13 03:48 GMT

राजेन्द्र जायसवाल
कोरबा !   यूं तो कोरबा जिले में 1 हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्य चल रहे हैं और अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों व सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया। लेकिन जब बारी भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से रूबरू होने की आई तब जिले की चारों विधानसभा सीट जीतने के लिए एकमात्र उज्जवला योजना पर फोकस किया। उज्जवला योजना से जिले की तीन सीटों पर होती आई हार का अंधकार दूर करने की कवायद होगी।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनिंदा पदाधिकारियों को मंत्र देकर मिशन कामयाब करने आव्हान करते हुए जिले के 1044 बूथ में 1044 नेताओं को मतदाताओं को साधने का तरीका भी बताया। देश में चल रही मोदी लहर और हालिया 5 राज्यों के हुए चुनाव में काफी जोर-शोर से चले मोदी चेहरा को आसन्न राज्य विधानसभा चुनाव में भुनाकर चौथी बार सत्ता में आने की कोई कसर छोडऩे के मूड में भाजपा नहीं है। समाधान शिविरों के जरिये आम जनता का दुख-दर्द, समस्याएं दूर करने की कवायद तो हो रही है साथ ही कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को लगातार बैठकों में नसीहतें भी दी जा रही है कि जनता से वे सीधे कैसे जुड़ें? लोक सुराज समाधान शिविर के अंतर्गत समीक्षा बैठक लेेने कोरबा पहुंचे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह पहली बार पार्टी कार्यालय पं. दीनदयाल कुंज में पदार्पण किये। यहां चुनिंदा 80 कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर कहा कि 1044 बूथ पर 1044 नेता हैं जिन्हें सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने उज्जवला योजना पर फोकस करते हुए कहा कि जिले में 38 हजार लोगों को गैस कनेक्शन दिया जा चुका है और 1 लाख 42 हजार कनेक्शन और लोगों को देना है। चुनाव तक 1 लाख 80 हजार कनेक्शन दिया जाएगा।  80 लाख गैस कनेक्शन उत्तरप्रदेश में बांटे गये जिसका नतीजा रिकार्ड जीत के रूप में देखने को मिला। कोरबा में भी एक-एक कार्यकर्ता उज्जवला का लाभ उठाये। कहीं ऐसा न हो कि इस योजना का फार्म कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर लेकर चल पड़ें। यह बता दें कि प्रदेश बनने के बाद कोरबा जिले में भाजपा एक ही सीट पर जीतती रही है और वर्तमान में भी एक ही सीट पर काबिज है। मुख्यमंत्री ने राज्य के 80 सीट पर जीत की तैयारी का मंत्र दिया है जिसमें बड़ी भूमिका कोरबा से होगी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।  
राजनांदगांव का अनुभव भी सुनाया
मुख्यमंत्री ने जिन बूथों पर असफलता मिलती आई है, उन बूथों पर खास ध्यान देने और वहां के मतदाताओं से रूबरू संपर्क बनाकर साधने का मंत्र दिया। उन्होंने राजनांदगांव का अनुभव बताया कि वहां 26 ऐसे बूथ है जहां कभी हमें लीड नहीं मिलती। वहां के कार्यकर्ताओं को मैंने खुद बुलाया और वजह जानी। जो लोग नाराज हंै उनको मनाओ और जो हमें वोट नहीं देते, उन लोगों को पार्टी व सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दो। बैठक के बाद सीएम कार्यकर्ताओं से खुलकर मिले और उनके साथ सेल्फी भी ली।
बड़ी भूमिका कोरबा से
क्षेत्रीय सांसद डा. बंशीलाल महतो, संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन, भाजपाध्यक्ष अशोक चावलानी के प्रयासों से पार्टी कार्यालय आये मुख्यमंत्री से मिलकर कार्यकर्ता भी गदगद हुए और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। अब कार्यकर्ता अपनी इस ऊर्जा को और 1044 बूथों के 1044 नेता किस तरह जन-मन का वोट भाजपा के लिए कन्वर्ट करेंगे यह तो इनकी काबिलियत पर निर्भर करता है। वैसे मुख्यमंत्री सहित शीर्ष नेताओं का फोकस कोरबा की तीन और विधानसभा को जीतने के लिए रहेगा।
नाराजगी भी जताई
मुख्यमंत्री के प्रवास से पार्टी के स्थानीय नेताओं में उत्साह रहा तो कुछ की नाराजगियां सार्वजनिक तौर पर देखने को मिली। पूर्व मंडल अध्यक्ष, पूर्व पार्षद रहे पार्टी के नेता दीप नारायण सिंह ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा संदेशों के जरिये जाहिर किया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर कोरबा की चारों सीट जीतना है तो जिलाध्यक्ष बदलना होगा। दूसरी ओर आज सीएम की रवानगी के दौरान हेलीपेड पर पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व महापौर सुश्री श्याम कंवर के भी तेवर बदले से रहे। कुछ मुद्दों को लेकर इन्होंने अपना विरोध और नाराजगी सीएम के सामने व्यक्त किये। इसी प्रकार मुख्यमंत्री के हाल ही में हुए दो प्रवास के दौरान पूर्व महापौर जोगेश लाम्बा भी प्रवास पर रहे। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि आखिर लाम्बा सीएम से बच क्यों रहे हैं? हालांकि कारण संगठनात्मक बताया जा रहा है पर सीएम कोरबा में हो तो मिलने का मौका चूकना भी कुछ हजम नहीं होता।

Tags:    

Similar News