शौचालय नहीं होने पर योजनाओं से वंचित करने का आदेश फर्जी
कोरबा ! पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नाम से फर्जी आदेश तैयार कर वाट्सएप पर वायरल करने के मामले में कलेक्टर के प्रतिवेदन पर पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हु;
कलेक्टर ने दिखाई गंभीरता, एफआईआर दर्ज कर पुलिस तलाश रही आरोपी को
कोरबा ! पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नाम से फर्जी आदेश तैयार कर वाट्सएप पर वायरल करने के मामले में कलेक्टर के प्रतिवेदन पर पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवेचना और पतासाजी प्रारंभ की है।
जानकारी के अनुसार 9 मार्च को सोशल मीडिया में वाट्सएप पर एक आदेश वायरल हुआ था जिसके शीर्ष में महानदी भवन नया रायपुर छ.ग. शासन लिखा हुआ है। 8 मार्च 2017 को सभी कलेक्टरों के नाम सचिव, पंचायत ग्रामीण विकास के हवाले से- व्यक्तिगत शौचमुक्त ओडीएफ ग्राम पंचायतों पर बाहर शौच परिवारों को शासकीय योजनाओं पर रोक लगाने के संबंध में जारी पत्र में कहा गया था कि राज्य के समस्त गांवों को शौचमुक्त बनाने के लिए केन्द्र शासन द्वारा कई प्रयास किया जा रहा है परन्तु आज तक ओडीएफ नहीं कराया गया है। सामग्री उपलब्ध कराने पर भी परिवार व्यक्तिगत शौचालय नहीं बना रहे हैं। बाहर शौच करने वाले परिवार के लिए शर्तें लागू की गई। 5 बिन्दुओं पर जारी इन शर्तोँ के मुताबिक राशन कार्ड पर बाहरी शौच परिवार को सील न लगाकर राशन रोक दिया जाये, धान खरीदी केन्द्र पर धान खरीदी रोक दी जाए, राजस्व विभाग के सभी कार्य रोक दिये जाये, स्वास्थ्य केन्द्र से उपलब्ध मुफ्त मच्छरदानी वितरण पर रोक लगाई जाए तथा ध्यान नहीं देने वाले पंच, सरपंच पर बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाए। उक्त सभी बातों का सभी जिला कलेक्टर द्वारा मुख्य कार्यक्रम अधिकारी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत को निर्देश देकर अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को सूचित कर तथा मुनादी कर कार्यवाही तत्काल करने के निर्देश पत्र के जरिये दिये गये। उक्त आशय का पत्र सोशल मीडिया में जोरों से प्रसारित होने पर प्रशासन हरकत में आया क्योंकि इस तरह का कोई आदेश अथवा पत्र विभागीय तौर पर संबंधित विभाग अथवा कलेक्टर के पास भी नहीं आया है। प्रशासन ने सच्चाई का पता लगाया तो आदेश फर्जी निकला। इसे कलेक्टर पी दयानंद ने गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस को एक प्रतिवेदन भेजकर घटना की जानकारी दी व एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए कहा। कलेक्टर के प्रतिवेदन पर रामपुर चौकी पुलिस ने कूटरचना पूर्वक जाली दस्तावेज का असली की तरह प्रसार प्रसार करने व प्रशासन की प्रतिष्ठा को हनन पहुंचाने एवं सूचना तकनीकी का दुरूपयोग करने के अपराध में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 465, 469 , 471 भादवि व आईटी एक्ट की धारा 66 घ के तहत जुर्म दर्ज किया है। रामपुर चौकी प्रभारी चन्द्रशेखर बारीक ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से फर्जी आदेश सभी कलेक्टरों को भेजने के मामले में एफआईआर दर्ज कर विवेचना की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि फर्जी आदेश तैयार कर कहां से सोशल मीडिया पर वाइरल किया गया? इसकी जानकारी पुलिस वाट्स एप से लेगी। वाट्स एप को मेल भेजकर जानकारी मांगी जाएगी व आरोपियों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई होगी।