बाकल में शिविर आयोजित कर बनाया गया किसान क्रेडिट कार्ड
कृषि एवं सहकारिता विभाग तथा बैंकों के अधिकारियों-कर्मचाकिरयों द्वारा डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम बाकल में 15 मई 2018 को शिविर अयोजित कर किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया;
22 तक निरंतर आयोजित होगी ग्राम पंचायतों में शिविर
राजनांदगांव । कृषि एवं सहकारिता विभाग तथा बैंकों के अधिकारियों-कर्मचाकिरयों द्वारा डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम बाकल में 15 मई 2018 को शिविर अयोजित कर किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया।
इस दौरान अधिकारियों ने ग्राम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत तालाब गहरीकरण कार्य स्थल पर पहुंचकर वहां मजदूरी कर रहे कृषकों के अलावा मेट, मजदूर आदि को किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं किसानों का के्रेडिट कार्ड भी बनाया गया।
ज्ञातव्य हो कि कृषकों को उनके कृषि संबंधि कार्य के लिए समय पर ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के शत-प्रतिशत कृषकों का किसान के्रडिट कार्ड बनाने हेतु कृषि विभाग, सहकारी समिति एवं बैंकों के द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा 11 मई से 22 मई 2018 तक जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में शिविर का अयोजन किया जा रहा हैं।
उप संचालक कृषि अश्वनी बंजारा ने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 40 डिसमिल से अधिक भूमिधारी कृषक जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है, वे इस अभियान के अंतर्गत सहकारी समिति के सदस्य बनकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकतें हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कृषकों को शासन की महत्वाकांक्षी योजनांतर्गत शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिसके माध्यम से सहकारी समिति के द्वारा फसल ऋणमान के आधार पर 60 प्रतिशत राशि सामग्री के रूप में एवं 40 प्रतिशत नगद राशि के रूप में एवं वाणिज्यिक बैंकों द्वारा शत-प्रतिशत ऋण नगद के रूप में प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वांले शिविरों के माध्यम से कृषकों का शून्य बचत पर बैंक/समिति में बचत खाता खोलने के उपरांत किसान के्रेडिट कार्ड तैयार किया जा रहा है।
जिसके लिए आवेदक को बी-1 पांचशाला, ऋण पुस्तिका, पेन कार्ड, आधार कार्ड की फोटो कापी, दो पासपोर्ट साईज फोटो एवं समिति के सदस्य बनने के लिए 10 रूपए प्रति शेयर की दर से राशि की आवश्यकता होती है।
इस दौरान उप संचालक कृषि बंजारा ने उपस्थित मजदूरों/कृषकों को विभागीय योजनाओं, जैसे किसान समृद्धि योजना, शाकंभरी योजना, सौर सुजना योजना, फसल प्रदर्शन, चैम्पस् प्रणाली अंतर्गत कृषि यंत्र पंजीयन की जानकारी प्रदान करने के साथ ही पीओएस मशीन के माध्यम से उर्वरक वितरण में कृषकों को होने वाली सुविधा तथा उर्वरकों के अग्रिम उठाव करने की अपील भी की।
शिविर में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा नमक घोल से धान उपचार करने के विधि के संबंध में भी जानकारी दी गई। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भूपेन्द्र गनवीर द्वारा कृषकों को आगामी खरीफ में धान के ठोस बीज चयन हेतु बीज उपचार की घरेेलू विधि 17 प्रतिशत नमक घोल उपचार का जीवंत प्रदर्शन किया गया, विधि अंतर्गत धान के बीज को 17 प्रतिशत नमक के घोल में बुआई पूर्व डूबाकर उपचारित किया जाता है, जो बीज डूब गये वे वास्तविक बीज होते है, ऐसे बीजों को पुन: साफ पानी में धोकर छाये में सुखाकर बुआई हेतु उपयोग किया जा सकता है।
शिविर में सरपंच मोहन पाल, दुबे लाल, हवन कुमार, मीलूराम, पुष्पराज सिन्हा, ग्राम बाकल एवं आस-पास ग्रामों के कृषक उपस्थित थे।