मल्लिकार्जुन खड़गे नहीं चाहते थे सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को हटाना, जताई असहमति
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और मंत्रियों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाने पर असहमति जताने को लेकर लाेकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड;
नयी दिल्ली । केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और मंत्रियों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाने पर असहमति जताने को लेकर लाेकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे की तीखी आलोचना की है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा,“वास्तव में, श्री मल्लिकार्जुन खडगे अद्भुत व्यक्तित्व के स्वामी हैं। जब चयन समिति ने श्री आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया, तो उन्होंने असहमति जतायी। अब, जब वर्मा को उसी चयन समिति ने हटा दिया है, तो उन्होंने उस पर भी असहमति जतायी है।”
Indeed, Mr. Mallikarjun Kharge is a man of amazing consistency.
When Shri Alok Verma was appointed CBI chief by the selection committee, he dissented.
Now, when Shri Alok Verma has been removed by the same Selection Committee, he has dissented.
भाजपा के एक अन्य नेता एवं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी वर्मा की नियुक्ति और उन्हें पद से हटाये जाने, दोनों ही मौकों पर श्री खडगे की ओर से असहमति जताने के लिए उनकी तीखी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया,“श्री वर्मा की सीबीआई प्रमुख के तौर पर नियुक्ति और हटाये जाने दोनों ही परिस्थितयों में विरोध से साबित होता है कि कांग्रेस दिमाग का इस्तेमाल किये बिना के किसी भी चीज का विरोध करती है। कुछ समय तो अपनी ही विश्वसनीयता की
Shri Mallikarjun Kharge's dissent notices, for both appointment and removal of Shri Alok Verma as CBI chief, are proof that @INCIndia will mindlessly oppose anything. Sometimes at the cost of their own credibility.
कीमत पर।”
देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भ्रष्टाचार और ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में इसके प्रमुख श्री वर्मा को गुरुवार को पद से हटा दिया गया। सरकार ने उच्चतम न्यायालय द्वारा दो दिन पूर्व बहाल किये गये श्री वर्मा को उनके पद से हटाकर अग्नि शमन सेवा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बना दिया है।
गौरतलब है कि श्री खडगे ने 20 जनवरी 2017 को श्री वर्मा की सीबीआई के महानिदेशक के पद पर नियुक्ति का यह कहते हुए विरोध किया था कि उन्हें जांच एजेंसी में काम का अनुभव नहीं है। उन्होंने सरकार से दूसरे अधिकारी रूपक कुमार दत्ता के नाम पर विचार करने का अनुरोध किया था जो उस समय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव थे। अब वह श्री वर्मा को इस पद से हटाये जाने का विरोध कर रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता श्री खडगे तथा उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी की यहां बैठक हुई, जिसमें श्री वर्मा को निदेशक के पद से हटाने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय 2:1 के बहुमत के आधार पर किया गया।
मोदी और न्यायमूर्ति सिकरी जहां श्री वर्मा को हटाने के पक्ष में थे, वहीं श्री खडगे ने इसका विरोध किया और अंतत: बहुमत के फैसले के आधार पर श्री वर्मा को हटाने का निर्णय लिया गया।