लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए खड़गे, कहां आज लोकतंत्र को बड़ा खतरा
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन पूरा हो चुका है;
नई दिल्ली। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन पूरा हो चुका है। खास बात है कि मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस समारोह में शिरकत नहीं कर सके। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की कुर्सी खाली नजर आई। कुर्सी पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का नाम लिखा हुआ है।
हालांकि, बाद में कांग्रेस की तरफ से बयान जारी कर इसकी वजह बताई गई। लाल किले में हुए समारोह के दौरान खड़गे की कुर्सी खाली देखी गई। बाद में कांग्रेस की तरफ से सफाई देते हुए बताया गया, 'खड़गे को अपने घर और कांग्रेस पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराना था। इसलिए वह लाल किले में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाए। अगर वह लाल किले के समारोह में जाते तो वह घर और पार्टी दफ्तर में ध्वजारोहण करने समय से नहीं पहुंच पाते।
सुरक्षा कारणों के चलते वह लाल किले से जल्दी नहीं निकल सकते थे। उन्हें कम से कम दो घंटे तक वहां पर रहना ही पड़ता। उन्होंने आगे कहा कि वह शाम को राष्ट्रपति आवास में मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर खड़गे ने ध्वाजारोहण किया। उन्होंने कहा, 'आज कल कुछ लोग ऐसा जताते हैं कि भारत की प्रगति पिछले कुछ सालों में ही हुई है। जबकि, अंग्रजों ने भारत को ऐसा छोड़ा की सुई भी नहीं बन पाती थी। नेहरू ने इंडस्ट्री लगाई, बांध बनाए। कला और साहित्य को बढ़ावा दिया। इंदिरा ने हरित क्रांति लाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाया। इसके बाद राजीव गांधी ने भारत को टेक्निकल बनाया और नरसिम्हा राव ने आर्थिक व्यवस्था को मजबूत किया।'
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge ने AICC मुख्यालय में तिरंगा फहराया। pic.twitter.com/C5ANK4VqeR
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोकतंत्र का ढोल बजाते हैं, वे दूसरे तरफ विपक्ष का मुंह बंद कर देते हैं। आज लोकतंत्र को बहुत बड़ा खतरा है। संसद में विपक्ष की आवाज बंद कर दी जाती है। मेरा माइक बंद कर दिया जाता है।
इससे पहले खड़गे ने ट्वीट कर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारी देश की आत्मा है। हम यह प्रण लेते हैं कि देश की एकता और अखंडता के लिए, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे।