केजरीवाल की ‘पानी बिल बकाया माफी योजना’ नाकामी छिपाने के लिए : विजेन्द्र गुप्ता

दिल्ली विधानसभा के विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पानी बिल की बकाया राशि पर विलंब शुल्क की माफी की घोषणा केवल अपनी “विफलताओं” को छिपाने के लिए की है;

Update: 2019-08-28 01:02 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पानी बिल की बकाया राशि पर विलंब शुल्क की माफी की घोषणा केवल अपनी “विफलताओं” को छिपाने के लिए की है।

श्री गुप्ता ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “श्री केजरीवाल को लोगों से पानी के बिलों पर विलंब शुल्क के रूप में वसूले गए करोड़ों रुपये भी वापस करना चाहिए, अन्यथा यह बकाया घाेटाला होगा।”

इस अवसर पर मीडिया प्रभारी प्रत्यूष कांत और विधायक जगदीश प्रधान भी उपस्थित रहे। श्री गुप्ता ने बकाया घोटाले पर श्वेत पत्र की मांग की और कहा दिल्ली की 50 प्रतिशत जनसंख्या को पानी नहीं मिल रहा है और पाइप लाइनें कहां बिछाई गयी हैं। सभी घरों में पानी के मीटर नहीं लगाये गये है जिसके कारण यह छूट बेमानी है।

विपक्ष के नेता ने कहा, “दिल्ली के गरीब लोगों को पानी के बिल नहीं दिये जाते और इसलिए बकाया राशि में छूट कोई मायने नहीं रखती। श्री केजरीवाल ने एक भी झुग्गी को पानी की पाइपलाइन से नहीं जोड़ा है। राजधानी की 50 प्रतिशत जनता प्यासी है और प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बकाये बिल पर विलंब शुल्क की छूट की घोषणा की गई है। यह छूट चुनाव के बाद जनता को नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री इस तरह की घोषणा कर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं।”

श्री गुप्ता ने टैंकर माफिया का उल्लेख करते हुए बताया, “जब श्री केजरीवाल सत्ता में नहीं थे तो उन्होंने टैंकर माफिया के राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगाया था लेकिन सत्ता में आने के बाद केवल दो टैंकरों को पकड़ा गया जबकि 2000 टैंकर या तो पानी की चोरी कर रहे है या फिर अवैध रूप से भूजल निकाल कर इसकी आपूर्ति कर रहे हैं। यह सभी मुख्यमंत्री के संरक्षण में हो रहा है।” 

उन्होंने कहा श्री केजरीवाल यह बताये की अभी तक कितनी पानी की चोरी रोकी गयी है, कितना जल रिसाव को रोका गया है और उन्होंने कितना प्रदूषित पानी की आपूर्ति को रोका है। श्री केजरीवाल समय रहते कार्रवाई करते हो पानी की कमी नहीं होती। जबकि दिल्ली जल बोर्ड उनके तहत है। जब मुख्यमंत्री अपनी वेबसाइट को चलाने में असमर्थ हैं तब वह दिल्ली की जनता के प्यास कैसे बुझा सकते हैं।”

विपक्ष के नेता ने डीटीसी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा को उल्लेख करते हुए कहा कि आज दिल्ली को 2000 बसों की जरुरत है और सड़कों पर केवल 3000 बसें चल रही और इसमें से कुछ बसें चलने की हालत में नहीं हैं। इस स्थिति में महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा की घोषणा का क्या औचित्य है। श्री केजरीवाल को अपने राजनीतिक लाभ के लिए मुफ्त तोहफों की घोषणा करने के स्थान पर बसाें के बेड़े को बढ़ाना चाहिए और डीटीसी की अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से श्री केजरीवाल इस तरह की विभिन्न लाेकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो जायेगा। 

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