कपिल व सिरसा विस से भेजे गए बाहर

दिल्ली विधानसभा में आज दूसरे दिन का कार्यवाही शुरूआत हंगामे से हुई;

Update: 2018-01-17 15:10 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में आज दूसरे दिन का कार्यवाही शुरूआत हंगामे से हुई। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा में निर्वाचित सदस्य सुशील गुप्ता को टिकट देने पर लगाए गए आरोपों पर आप विधायक कपिल मिश्रा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया था। सदन शुरू होते कपिल मिश्रा ने ध्याकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा की मांग उठा दी। कपिल मिश्रा सुशील गुप्ता की उम्मीदवारी के पीछे डील का आरोप लगाते रहे हैं और खुलासे की मांग कर रहे हैं। स्पीकर रामनिवास गोयल ने जैसे ही प्रस्ताव पर व्यवस्था देना शुरू किया कपिल मिश्रा, सुशील गुप्ता की एक सांप के साथ वाली फोटो का बैनर लहराते हुए वेल में आ गए। स्पीकर ने उन्हें पहले बैठने को कहा, लेकिन फिर मार्शलों को बुलाकर उन्हें सदन से बाहर करने का आदेश सुनाया। मार्शल जबरन कपिल को ले जाने का प्रयास कर रहे थे कि कपिल फर्श पर लेट गए। उन्होंने जबरन ले जाने का विरोध किया व मार्शलों से बचाव करने का संघर्ष करने लगे। भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने खड़े होकर मार्शलों के आचरण व सरकारी रवैए का विरोध करते हुए कहा ऐसा (मार्शलों व विधायक के बीच संघर्ष) नहीं होना चाहिए।

इसे स्पीकर ने अपने आदेश की पालना में बाधा बताते हुए मार्शलों से सिरसा को भी सदन से निकलने का आदेश सुना दिया। आदेश पालना में बाधा के लिए स्पीकर ने सिरसा के खिलाफ मामला विशेषाधिकार कमेटी को सौंपने का भी आदेश सुनाया। हालंाकि, इस फैसले के विरोध में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी स्पीकर से कहा, लेकिन स्पीकर ने बाद में व्यवस्था दी किमामले में विधायक द्वारा आदेश पालन में बाधा पहुंचाना जहां निंदनीय है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह कहना कि मार्शलों द्वारा कपिल मिश्रा को पीटा गलत व गैरजिम्मेदाराना है। वहीं मार्शलों ने जिस प्रकार तनाव के समय स्थिति को संभाला वह प्रशंसनीय है। स्पीकर ने इससे पहले राजधानी में खुले में सोने से हुई 44 मौतों के मामले में नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। विजेंद्र गुप्ता ने स्पीकर के इस फैसले पर कहा कि सरकार जवाब देने से बच रही है। विधानासभा के बाहर विधायकमनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा किदु:खद है कि उन्हें अलोकतांत्रिक तरीके से बलपूर्वक बाहर निकालकर उनकी आवाज दबाई गई।

 मैं कपिल मिश्रा को समझा रहा था कि सदन को चलने दो और वास्तव में अध्यक्ष की सहायता कर रहा था। कपिल मिश्रा के प्रति दुर्व्यवहार का विरोध करने पर उन्हें बलपूर्वक बाहर किया गया, जाहिर है कि सरकार डरती है इसीलिए बार-बार सदन से बाहर करती है। उन्होंने कहा कि मैंने अनेक मद्दे ऐसे उठाए जिन पर सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है। 

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