कमलनाथ ने किसानों की मौत पर कहा- शिवराज ने खेत-खलिहानों को श्मशान बना दिया
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य की शिवराज सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया है कि अब तो किसान फसल बेचने के इंतजार में ही मौत के मुंह में जा रहे हैं।;
भोपाल। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य की शिवराज सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया है कि अब तो किसान फसल बेचने के इंतजार में ही मौत के मुंह में जा रहे हैं।
कमलनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, "किसान पुत्र के राज में किसानों की मौत का सिलसिला जारी, कभी गोली से, कभी कर्ज के बोझ से और अब मंडी में फसल बेचने के इंतजार में।"
किसान पुत्र के राज में किसानो की मौत का सिलसिला जारी.
कभी गोली से,कभी कर्ज के बोझ से और अब मंडी में फसल बेचने के इंतज़ार में.
एक सप्ताह पूर्व फसल बेचने के इंतज़ार में विदिशा की लटेरी मंडी में किसान मूलचंद की मौत के बाद अब राजगढ़ की नरसिंहगढ़ मंडी में किसान ओमप्रकाश पाटीदार की मौत
एक सप्ताह पूर्व फसल बेचने के इंतजार में विदिशा की लटेरी मंडी में किसान मूलचंद की मौत के बाद, अब राजगढ़ की नरसिंहगढ़ मंडी में किसान ओमप्रकाश पाटीदार की मौत हो गई।
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले 14 साल में 16,000 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं, शिवराज ने मध्यप्रदेश को मृत्यु प्रदेश और खेत-खलिहानों को श्मशान बना दिया हैं। किसानों को मरने की हद तक लाचार करने वाली सरकार और शासक की विदाई का वक्त आ गया है।
मप्र में पिछले 14 साल में 16000 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं, शिवराज ने मध्यप्रदेश को मृत्युप्रदेश और खेत-खलिहानों को श्मशान बना दिया हैं।
—किसानों को मरने की हद तक लाचार करने वाली सरकार और शासक की विदाई का वक़्त आ गया है।@INCIndia @INCMP @RahulGandhi pic.twitter.com/BQf6U6JTse
राजगढ़ में हुई किसान की मौत पर सरकार की ओर से सफाई आई है। इसमें कहा गया है कि राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील मुख्यालय पर मंगलवार को हुई एक किसान ओमप्रकाश की मौत प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार हृदयाघात से हुई है।
जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ओमप्रकाश अपने भाई पीरूलाल को भोजन एवं अन्य सामग्री देने दोपहर ग्राम बोड़ा से नरसिंहगढ़ आए थे। उनके भाई फसल बेचने के लिए यहां पहुंचे थे, दोपहर में साढ़े तीन बजे उनके भाई की फसल की तुलाई हो चुकी थी। तुलाई और भोजन करने के बाद लगभग शाम चार से पांच बजे के बीच ओमप्रकाश की मृत्यु हुई। जिला प्रशासन ने ओमप्रकाश के परिवार को चार लाख रुपये का सहायता अनुदान स्वीकृत किया है।