मप्र में कमलनाथ और सिंधिया ही होंगे कांग्रेस का चेहरा

मध्यप्रदेश में कांग्रेस भले ही कई गुटों में बंटी नजर आती हो, मगर पार्टी हाईकमान ने आगामी विधानसभा चुनाव में कमलनाथ और प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष सिंधिया को ही चेहरा बनाने का मन बना लिया है;

Update: 2018-09-28 22:27 GMT

- संदीप पौराणिक

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस भले ही कई गुटों में बंटी नजर आती हो, मगर पार्टी हाईकमान ने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही चेहरा बनाने का मन बना लिया है। यह बात पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान जाहिर भी कर गए। 

राहुल गांधी गुरुवार और शुक्रवार को राज्य के दौरे पर रहे। इस दौरान शायद ही कोई ऐसा मौका आया हो, जब उनके दोनों ओर कमलनाथ व सिंधिया नजर न आए हों। मंच से लेकर बस तक में कमलनाथ और सिंधिया पूरी तरह राहुल की छाया की तरह दिखे।

एक तरफ जहां ये दोनों नेता पूरे समय राहुल के दाएं-बाएं नजर आए तो राहुल ने भी अपने दो दिन के प्रवास में किसी तीसरे नेता का नाम तक नहीं लिया। राहुल ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर कमलनाथ और सिंधिया द्वारा युवाओं को रोजगार दिलाने, किसानों के लिए पूरा जीवन लगाने का वादा किया।

कमलनाथ के अध्यक्ष बनने से पहले जो भी अध्यक्ष हुआ, उसे राज्य के कुछ दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने तरह से दबाने का प्रयास किया, यही कारण रहा कि चाहकर भी अध्यक्ष पार्टी और संगठन को मजबूत नहीं कर पाया। यह बात अलग है कि पदाधिकारी तो कमलनाथ भी अपनी मनमाफिक नियुक्त नहीं कर पा रहे हैं, मगर दिल्ली दरबार में उनका प्रभाव होने के कारण कोई नेता सीधे उनसे टकराने का साहस नहीं जुटा पाता। 

राजनीति के जानकार कहते हैं कि कमलनाथ लंबे अरसे से गांधी परिवार के करीबी रहे हैं। लिहाजा, उनकी बात सुनी जाती है। इसलिए राज्य का कोई भी नेता उनके खिलाफ बोलने का साहस नहीं जुटा पाता। दूसरी ओर सिंधिया की राहुल गांधी से काफी नजदीकियां हैं, साथ ही युवा हैं, इसके चलते उनका पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर मतदाताओं तक पर प्रभाव दिखता है, इसलिए नई पीढ़ी के नेता उनसे नजदीकी बनाकर चलना चाहते हैं। 

राहुल गांधी के इस दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, सत्यव्रत चतुर्वेदी आदि भी रहे, मगर पार्टी प्रमुख ने कमलनाथ और सिंधिया के अलावा किसी पर ज्यादा गौर नहीं किया। राहुल इस दौरे से यह भी संदेश दे गए हैं कि राज्य में कांग्रेस इन दोनों नेताओं के अनुसार ही चलेगी। 

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