जेएनयू छात्रों पर लाठी चार्ज, राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च नाकाम 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सैकड़ों छात्रों के जुलूस को सोमवार को राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ने से रोक दिया गया;

Update: 2019-12-10 00:02 GMT

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सैकड़ों छात्रों के जुलूस को सोमवार को राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ने से रोक दिया गया। छात्र शुल्क बढ़ोतरी को लेकर जुलूस निकाल रहे थे। पुलिस ने छात्रों पर दो बार लाठी चार्ज किया।

पुलिस की छात्रों से हाथापाई भी हुई, ऐसा पुलिस द्वारा जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष को पुलिस जिप्सी की तरफ धक्का देने की वजह से हुआ।

शाम में पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाईं। ऐसा आइशी घोष को पुलिस जिप्सी की तरफ धक्का दिए जाने की वजह से हुआ। आइशी छात्रों को संबोधित कर रही थीं, तभी उन्हें धक्का दिया गया, जिसे लेकर छात्रों की पुलिस से हाथापाई हुई।

मीडिया को भी छात्रों के वीडियो लेने से रोका गया।

वीडियो पत्रकारों को भी पीटा गया और घटना को नहीं कवर करने की चेतावनी दी गई।

पुलिस की कार्रवाई व चेतावनी के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई।

आइशी घोष ने मीडिया से कहा, "छात्रों को पहले ही हिरासत में लिया गया है, हमें पहले ही हिरासत में लिया गया, लेकिन यह अवैध है। प्रदर्शनकारी छात्रों को पीसीआर वैन में डाले जाने से पहले हमें घसीटा गया, घूंसा मारा गया और लाठियां बरसाई गईं।"

जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन (जेएनयूएसयू) बीते एक महीने से हॉस्टल व मेस शुल्क में 400 फीसदी बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। जेएनयूएसयू ने सोमवार को राष्ट्रपति से मिलने व अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ जुलूस निकालने का फैसला किया।

दोपहर बाद उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया। पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस इलाके में बैरिकेड्स लगाई थी।

छात्रों की बैरिकेड्स हटाने के प्रयास के दौरान पुलिस से हाथापाई हुई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने लाठी चार्ज किया।

पुलिस ने छात्र व छात्राओं दोनों पर लाठी चार्ज किया।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रों द्वारा सोमवार को भीकाजी कामा प्लेस के निकट रिंग रोड के एक भाग में एकत्र होने की वजह से दक्षिण दिल्ली में बड़ा जाम लग गया।

इससे पहले दिन में सैकड़ों जेएनयू छात्रों ने जेएनयू परिसर से जुलूस निकाला। जुलूस चार घंटे देर से शुरू हुआ क्योंकि सुरक्षा बलों ने जुलूस को रोकने के लिए जेएनयू के सभी गेट सुबह में सील कर दिया। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की बहुत कोशिश के बाद जुलूस निकालने की इजाजत दी गई।

छात्रों का महीने भर लंबा प्रदर्शन प्रशासन को झुकाने में असफल रहा है, जिसने प्रस्तावित हॉस्टल शुल्क को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया है।

हॉस्टल मसौदे में हॉस्टल का शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर दो लोगों के लिए 300 रुपये व एक लोगों के लिए 600 रुपये करने का प्रस्ताव है, जो पहले 20 रुपये था।

प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने बीपीएल श्रेणी के छात्रों के लिए 50 फीसदी रियायत की घोषणा की, लेकिन वह छात्रों को शांत कराने में विफल रहे।

इस मुद्दे को मानव संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी संभाल रही है, जिसने छात्रों व उनके प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी सिफारिश दी है।

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