झारखंड की छात्राओं से धान की फसल कटवाई गई : एजेएसयू
झारखंड के एक क्षेत्रीय दल ने बुधवार को राज्य की राजधानी के बाहरी इलाके में मिशनरी स्कूल की छात्राओं द्वारा धान की फसलों की कटाई किए जाने का मुद्दा उठाया है;
रांची। झारखंड के एक क्षेत्रीय दल ने बुधवार को राज्य की राजधानी के बाहरी इलाके में मिशनरी स्कूल की छात्राओं द्वारा धान की फसलों की कटाई किए जाने का मुद्दा उठाया है। ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) के विधायक विकास कुमार मुंडा ने यहां मीडिया को बताया, "मैंने सेंट इगोनिसिस स्कूल की छात्राओं को विजयगिरी गांव में धान की फसल काटते हुए देखा। वे सभी लड़कियां स्कूल की वर्दी में थीं।"
उन्होंने इसके बारे में अधिकारियों को भी सूचित किया।
मुंडा की शिकायत के आधार पर जब तमार के सीओ राजेश कुमार ने इलाके का निरीक्षण किया तो उन्होंने छात्राओं को धान की फसल काटते हुए पाया। इस दौरान वहां प्रधानाचार्य फादर जोहान भी उपस्थित थे।
स्कूल प्रबंधन ने हालांकि जोर देकर कहा कि यह छात्रों के सोशली यूजफुल प्रोडक्टिव वर्क (एसयूपीडब्ल्यू) का हिस्सा है और अकादमिक पाठ्यक्रम के मुताबिक, उन्हें केवल स्कूल के घंटों के बाद ही ले जाया जाता है।
मुंडा ने कहा, "यह छात्राओं का उत्पीड़न है। हम इस मुद्दे को उठाएंगे। हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई हो।"
इसी तरह की घटना यहां दिघिया गांव के बीरो ब्लॉक में भी हुई, जहां सेंट अन्ना स्कूल की लड़कियां धान की फसल काटती हुई पाई गईं।
प्रधानाचार्य सिस्टर मैरी बैज ने संवाददाताओं को बताया कि करीब 50 छात्राओं ने एसयूपीडब्ल्यू के हिस्से के रूप में स्कूल के बाद इस गतिविधि में हिस्सा लिया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।