झारखंड : स्वामी अग्निवेश पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं का हमला 

 झारखंड के पाकुड़ जिले में मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर कथित रूप से भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम के नारे लगाते हुए हमला कर दिया और उनकी पिटाई की;

Update: 2018-07-18 00:25 GMT

रांची। झारखंड के पाकुड़ जिले में मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर कथित रूप से भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम के नारे लगाते हुए हमला कर दिया और उनकी पिटाई की। घायल अग्निवेश को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने इस संबंध में 20 हमलावरों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा कि भगवाधारी स्वामी अग्निवेश (78) लिटपाड़ा में 195वें दमिन महोत्सव में शामिल होने के लिए जैसे ही होटल से बाहर आए, उन पर हमला किया गया।

हमलावर इसके अलावा ये भी नारे लगा रहे थे, "अग्निवेश वापस जाओ, अग्निवेश वापस जाओ। अगर तुम्हें भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा।"

भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अग्निवेश ईसाई मिशनरियों के कहने पर जनजातीय लोगों को उकसाने आए थे।

विचलित नजर आ रहे अग्निवेश ने एनडीटीवी को बताया, "मैं हर प्रकार की हिंसा के खिलाफ हूं। मेरी पहचान शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में है। मुझे नहीं पता कि मुझ पर हमला क्यों हुआ।"

जिस समय अग्निवेश पर हमला हुआ, तीर-कमान लिए आदिवासी उनके साथ थे।

अग्निवेश यह पूछते रहे कि वे क्या चाहते हैं, इसके बावजूद हमलावरों ने उन पर हमला बोला। अग्निवेश जमीन पर गिर गए, लेकिन हमलावार उन्हें पीटते रहे। उनके साथियों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की।

स्वामी ने एनडीटीवी को बताया, "उन लोगों ने लात-घूंसे मारे और मुझे जमीन पर घसीटा। मुझे मां-बहन की गालियां दी।"

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आर.के. मलिक ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है तथा हमलावरों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं।

कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने हमले की निंदा की है।

कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने आईएएनएस से कहा, "यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। हम दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग करते हैं।"

अग्निवेश ने कहा कि आसपास कोई पुलिसकर्मी नहीं था। स्थानीय संवाददाताओं ने उन्हें बताया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा इकाई के कार्यकर्ता उनके विरोध में प्रदर्शन करने के लिए खड़े हैं। लेकिन अचानक इस तरह की हिंसा ने उन्हें स्तब्ध कर दिया।

अग्निवेश ने कहा, "मैंने उन्हें बातचीत का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन मुझसे बात करने कोई नहीं आया। मैं अपने जनजातीय मित्रों के साथ सम्मेलन में जा रहा था, जब उन्होंने मुझ पर बिना किसी चेतावनी के हमला कर दिया।"

उन्होंने इस हमले की तुलना पिछले एक साल में देश के कई राज्यों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या (मॉब लिंचिंग) से की।

दर्द से कराह रहे अग्निवेश को बाद में अस्पताल ले जाया गया।

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