जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को एकतरफा हल्के वाहनों के लिए खोला गया

15 दिनों के अथक प्रयासों के उपरांत जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को एकतरफा हल्के वाहनों के लिए खोल दिए जाने के उपरांत कश्मीरियों की जान में जान तो आई है पर अभी भी इस पर भारी वाहनों की आवाजाही स्थगित होने के कारण कश्मीर में जरूरी वस्तुओं की किल्लत महसूस की जाने लगी है;

Update: 2025-09-10 11:13 GMT

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग खुला, पर भारी वाहनों के लिए नहीं

कश्मीर में जरूरी सामान की किल्लत और सेब के व्यापार को जबरदस्त नुक्सान

जम्मू। 15 दिनों के अथक प्रयासों के उपरांत जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को एकतरफा हल्के वाहनों के लिए खोल दिए जाने के उपरांत कश्मीरियों की जान में जान तो आई है पर अभी भी इस पर भारी वाहनों की आवाजाही स्थगित होने के कारण कश्मीर में जरूरी वस्तुओं की किल्लत महसूस की जाने लगी है। यही नहीं राजमार्ग के बंद रहने का नतीजा सेब के व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है जिनकी फसलें रास्ते में सड़ने लगी हैं।

यह सच है कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के लंबे समय तक बंद रहने से कश्मीर के बाजारों में भारी नुकसान और जरूरी वस्तुओं की कमी की खबरें आ रही हैं।

दरअसल कहते हैं कि सिलाई की सुई से लेकर हेलीकाप्टर तक कश्मीर में लगभग हर चीज बाहर से आती है। 15 दिनों से ज्यादा समय से राजमार्ग बंद होने के कारण, न सिर्फ किसान, बल्कि व्यापारी भी इसकी मार झेल रहे हैं, क्योंकि आपूर्ति कम हो गई है और बाजार अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं।

कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) के अध्यक्ष यासीन खान ने इसकी पुष्टि की है कि राजमार्ग बंद के कारण व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है। उनका कहना था कि जरूरी सामान की कमी हो रही है, कुछ दुकानें बंद हो गई हैं, और हालांकि सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन भारी नुकसान दिखाई दे रहा है। वे कहते थे कि लगभग हर क्षेत्र प्रभावित है क्योंकि कश्मीर बाहरी आपूर्ति पर निर्भर है, जिसमें चावल और तेल से लेकर पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रानिक्स तक शामिल हैं।

जबकि चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री कश्मीर (सीसीआईके) के अध्यक्ष तारिक गनी कहते थे कि नुकसान करोड़ों में है। उनका कहना था कि स्टाक खत्म होने से सिर्फ एक व्यापारी ही नहीं, बल्कि सभी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उत्पादों की अनुपलब्धता के कारण कमी बढ़ रही है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जरूरी सामान ट्रेन से क्यों नहीं लाया जा रहा है। वे कहते थे कि अगर ट्रेन सेवाएं शुरू हो गई हैं, तो रेल के जरिए भी सामान क्यों नहीं आ रहा? जरूरी चीजों के दाम पहले से ही आसमान छू रहे हैं।

लाल चौक ट्रेडर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम के बकौल, कई दुकानदार भारी कमी का सामना कर रहे हैं, जबकि जिनके पास बचा हुआ स्टाक है, वे दाम बढ़ा रहे हैं। वे कहते थे कि हाल ही में जीएसटी में बढ़ोतरी ने उनके घाटे को और बढ़ा दिया है, जिससे व्यापारी भारी दबाव में हैं। 

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