उपराष्ट्रपति चुनाव में तीसरी बार भी जम्मू कश्मीर की कोई भूमिका नहीं होगी

इतिहास में तीसरी बार, जम्मू कश्मीर उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल आंशिक भूमिका निभाएगा, क्योंकि इसकी सभी चार राज्यसभा सीटें फिलहाल खाली हैं;

Update: 2025-08-28 09:16 GMT

जम्मू। इतिहास में तीसरी बार, जम्मू कश्मीर उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल आंशिक भूमिका निभाएगा, क्योंकि इसकी सभी चार राज्यसभा सीटें फिलहाल खाली हैं।  

भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं। अधिकारियों ने बताया कि 1992 में जब उपराष्ट्रपति चुनाव हुए थे तब अविभाजित जम्मू कश्मीर की सभी छह लोकसभा सीटें खाली पड़ी थीं।

वर्ष 1991 में आतंकवाद के कारण जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव नहीं हो सका और पूर्ववर्ती राज्य 1996 तक निचले सदन में प्रतिनिधित्व के बिना रहा। केंद्र सरकार ने 1991 में जम्मू कश्मीर में संसदीय चुनाव कराने की संवैधानिक आवश्यकता को अस्थायी रूप से रद्द करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था।

अधिकारियों के अनुसार, 2022 में जब 16वें उपराष्ट्रपति चुनाव हुए थे तब राज्यसभा में जम्मू कश्मीर का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। राज्यसभा के सभी चार सदस्यों ने 2021 में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था और निर्वाचक मंडल, यानी निर्वाचित विधायकों की अनुपस्थिति के कारण उनके प्रतिस्थापन का चुनाव नहीं किया जा सका।

अब 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी ऐसी ही स्थिति है, जिसके लिए सांसद 9 सितंबर को मतदान करेंगे। जम्मू कश्मीर की राज्यसभा की सभी चार सीटें फिलहाल खाली हैं, क्योंकि भारत के चुनाव आयोग ने उन्हें भरने की तारीख की घोषणा नहीं की है, हालांकि 8 अक्टूबर, 2024 से एक निर्वाचक मंडल मौजूद है।

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