भाजपा और नेकां के बीच वाक्युद्ध से गरमाया राजनीतिक माहौल, दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे को बताया कठपुतली

राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन भरने से पहले आज भाजपा और नेकां नेताओं के बीच छिड़े वाक्युद्ध के कारण प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। दरअसल इस अवसर पर दोनों दलों के नेताओं ने एक दूसरे को कठपुतली करार दिया था;

Update: 2025-10-13 12:56 GMT

जम्मू। राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन भरने से पहले आज भाजपा और नेकां नेताओं के बीच छिड़े वाक्युद्ध के कारण प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। दरअसल इस अवसर पर दोनों दलों के नेताओं ने एक दूसरे को कठपुतली करार दिया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुनील शर्मा ने सोमवार को कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए उस पर पूरी तरह से नेशनल कांफ्रेंस के अधीन होने और केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान का अभाव होने का आरोप लगाया।

श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, शर्मा ने कहा, कांग्रेस जम्मू कश्मीर में अपना आधार और दिशा बहुत पहले ही खो चुकी है, और उसके सभी फैसले नेशनल कांफ्रेंस नेतृत्व द्वारा तय किए जाते हैं। शर्मा ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है। कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस की कठपुतली है। कांग्रेस में जो भी फैसले लिए जाते हैं, वे नेकां द्वारा लिए जाते हैं।

उनकी यह तीखी टिप्पणी जम्मू कश्मीर में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों के बीच आई है, क्योंकि पार्टियां आगामी राज्यसभा चुनावों की तैयारी में जुटी हैं।

और फिर भाजपा पर तीखा पलटवार करते हुए, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में भाजपा नेताओं ने खुद को नई दिल्ली की कठपुतली बना लिया है और ऐसा लगता है कि महबूबा मुफ़्ती भी उनके सुर में सुर मिला रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस की गठबंधन सहयोगी है।

राज्यसभा चुनाव को लेकर चल रही राजनीतिक गतिविधियों के बीच श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने भाजपा पर जम्मू कश्मीर के लोगों से जुड़े असली मुद्दों से बचने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारी गठबंधन सहयोगी है। लेकिन जम्मू कश्मीर में भाजपा के लोग खुद कठपुतली हैं - और अब महबूबा भी उनके साथ शामिल हो गई हैं। उन्हें (भाजपा को) नई दिल्ली से जो कुछ भी मिला, वे उसे आपके सामने यहां पढ़ रहे हैं। महबूबा मुफ्ती भी यही कर रही हैं। महबूबा मुफ़्ती और विपक्ष के नेता (सुनील शर्मा) की भाषा एक जैसी है।

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