जयपाल रेड्डी बेदाग और सबके लिए आदर्श नेता थे
सभी राजनीतिक दलों के नेताओ ने अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयपाल को विद्वान,चिन्तक,बेदाग़ और बेबाक नेता बताते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में उनके जैसे मानवीय एवं उदार नेता दुर्लभ है;
नई दिल्ली। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी को विद्वान, चिन्तक, बेदाग़ और बेबाक नेता बताते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में उनके जैसे मानवीय एवं उदार नेता दुर्लभ हैं, जो सबके के लिए आदर्श हो और गरीबों के बारे में सोचता हो।
उप राष्ट्र्पति एम. वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल, वाम नेता सीता राम येचुरी, डी. राजा और लोक तांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव तथा कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने श्री रेड्डी को याद करते हुए मंगलवार को यह बात कही।
श्री नायडू ने कहा कि उन्होंने पिछले माह श्रीमती सुषमा स्वराज के साथ श्री अरुण जेटली और श्री जयपाल रेड्डी के रूप में अपने तीन मित्रों और सहयोगियों को खो दिया। श्री रेड्डी चार बार आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे और मेरे लिए वह दोस्त के समान थे। वह प्रभावशाली वक्ता, बुद्धिजीवी, चिन्तक और लोगों के लिए आदर्श पुरुष थे। उनका भाषा पर असाधारण अधिकार था चाहे वह अंग्रेजी हो यह तेलुगु। उनकी ईमानदारी भी एक मिशाल थी।
श्री सिंह ने कहा कि इतने लंबे राजनीतिक जीवन में कभी भी उन र भ्रस्टाचार के आरोप नही लगे। वह बेदाग और महान नेता तथा उल्लेखनीय सांसद रहे थे। वह 10 साल तक हमारे सहयोगी रहे लेकिन अपने विचारों पर अड़े रहते थे।
श्री केजरीवाल ने कहा कि आज के दौर में जब इतना भ्रष्ट्राचार है, वह एक तरह आशा की किरण की तरह नजर आये। उन पर कोई दाग नही लगा सकता था। हम लोगों के लिए वह एक आदर्श पुरुष थे और हमें उन्होंने प्रेरणा प्रदान की।
श्री जोशी ने श्री रेड्डी के साथ अपनी दोस्ती की चर्चा करते हुए कहा कि जनता पार्टी के ज़माने से उनके साथ उनकी मित्रता शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि आज उनके जैसे नेता की आवश्यकता है जो हिम्मती हो, बेबाक हो और बिना किसी झिझक अपनी बात कहता हो तथा प्रधानमंत्री से भी असहमति रखता हो।
श्री यादव ने कहा कि वह हमारी पार्टी जनता दल में थे फिर कांग्रेस में भी रहे लेकिन उनके विचारों में कोई फर्क नहीं आया था। उन्होंने जो राह पकड़ी उस पर अंतिम समय तक चलते रहे। उन्होंने नौजवानों को प्रभावित किया। हम भी उनमेे से एक हैं। वह जब अंग्रेजी बोलते थे, तो उनमे दो से तीन नये शब्द होते थे।
श्री येचुरी ने कहा कि वह हमारे मार्गदर्शक और दार्शनिक भी थे। उन्होंने हमें राजनीति का व्याहारिक ज्ञान भी दिया। उन्होंने कभी क्रोध नही किया। वह अत्यंत मानवीय , उदार और ईमानदार नेता थे। श्री राजा ने उन्हें एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक नेता बताते हुए कहा कि वे एक शानदार व्यक्ति थे और मुझसे स्नेह रखते थे तथा उन्हें भारतीय राजनीति और यथार्थ की गहरी समझ थी।
श्री सिंघवी ने कहा कि श्री रेड्डी एक ऐसे बुद्धिजीवी थे जो जमीनी हकीकत को समझते थे। उनकी बेबाकी और वाकपटुता गज़ब थी। वह कांग्रेस के सबसे लम्बे समय तक प्रवक्ता रहे और मेरे संरक्षक भी थे। हम दोनों साथ-साथ प्रवक्ता भी रहे।उनके संवाददाता सम्मेलन में एक नया दृष्टिकोण होता था। वह काफी शोध और अध्ययन कर संवाददाता सम्मेलन करते थे।