इसरो मास्को में तकनीक संपर्क इकाई स्थापित करेगा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रूस और पड़ोसी देशों की अंतरिक्ष एजेन्सियों के साथ परस्पर सहयोग के लिए मास्को में एक तकनीकी संपर्क इकाई स्थापित करेगा;

Update: 2019-07-31 19:06 GMT

नयी दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रूस और पड़ोसी देशों की अंतरिक्ष एजेन्सियों के साथ परस्पर सहयोग के लिए मास्को में एक तकनीकी संपर्क इकाई स्थापित करेगा जिससे देश की महत्वाकांक्षी गगनयान परियोजना में भी मदद मिलेगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इस इकाई में कर्मचारियों के वेतन, कार्यालय खर्च, किराये और कर आदि के मद में औसतन लगभग 1.50 करोड़ रुपये सालाना का व्यय होगा।

इस इकाई के माध्यम से इसरो रूस और पड़ोसी देशों में अंतरिक्ष एजेंसियों तथा उद्योगों के साथ विभिन्न विषयों पर सहयोग कर सकेगा। इसके साथ ही इससे इन एजेन्सियों के साथ तकनीक के क्षेत्र में प्रभावी संवाद की प्रक्रिया सरल बनेगी। इस इकाई में नियुक्त संपर्क अधिकारी शोध और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होने वाले घटनाक्रमों के बारे में तकनीक जानकारियां और संबंधित देशों के शोधकर्ताओं, सरकारी एजेंसियों और उद्योगों के साथ बैठकों का ब्योरा इसरो को उपलब्ध कराएगा। इससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग के अन्य द्विपक्षीय कार्यक्रमों में भी सहयोग मिलेगा। 

इसरो के वर्ष 2022 के महत्वकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए कुछ प्रमुख तकनीकों के विकास और विशेष सुविधाओं की जरूरत है जो अंतरिक्ष में जीवन में मदद के लिए आवश्यक हैं। इसके लिए सरकार की रूस के साथ भागीदारी की योजना है। यह इकाई इसमें मदद करेगी। इस इकाई की स्थापना 6 महीने के अंदर की जायेगी। 

अंतरिक्ष विभाग ने इससे पहले वाशिंगटन और पेरिस में इसरो तकनीक संपर्क इकाइयों की स्थापना की थी। इसका अमेरिका और यूरोप में सरकार तथा अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ संबंध कायम करना था। भारत और रूस के बीच अंतरिक्ष सहयोग संबंध काफी मजबूत है, जो लंबे समय से चला आ रहा है। अभी दोनों देश अंतरिक्ष कार्यक्रम के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय तौर पर संवाद कर रहे हैं। रूस के साथ भागीदारी बढ़ाने के अलावा भारत ने रूस के आसपास के देशों के साथ भी अंतरिक्ष सहयोग बढ़ाया है। 

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