फिलिस्तीन के संघर्ष का इजरायल ने नाजायज फायदा उठाया : साजिद रशीदी

लेबनान में 27 सितंबर को इजरायली हमले में हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद इलाके में तनाव लगातार बढ़ रहा है;

Update: 2024-10-02 23:52 GMT

नई दिल्ली। लेबनान में 27 सितंबर को इजरायली हमले में हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद इलाके में तनाव लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार की रात ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से भारी हमले किए। इस पर मौलाना साजिद रशीदी ने इजरायल पर जुबानी हमला बोला है।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “ईरान अपनी रक्षा की जंग लड़ रहा है। सेल्फ-डिफेंस को अरबी में 'दिफा' कहते हैं। इजरायल जो कुछ कर रहा है, वह पूरी दुनिया के सामने है और सब लोग जानते हैं। फिलिस्तीन ने 1948 में जो संघर्ष किया, इजरायल ने उसका नाजायज फायदा उठाया। फिलिस्तीन में जो जुल्म हो रहा है, खासकर बच्चों पर, और गाजा में पूरे शहरों को तबाह करने का कार्य, इसकी सजा इजरायल को भुगतनी पड़ेगी। हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह और इससे पहले इजरायल ने इस्माइल हानिया को निशाना बनाया। ईरान में हानिया को मार दिया गया, और ईरान इस पर प्रतिक्रिया देगा। अगर कोई मेरे घर में मेरे मेहमान को मारे, तो मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह सब इजरायल के कार्यों का परिणाम है। अरब दुनिया की चुप्पी भी चिंताजनक है, और यह सभी मुसलमानों के लिए अफसोस की बात है। इजरायल को पूरी तरह से मिटा देना चाहिए। हिटलर ने कहा था कि वह कुछ यहूदियों को इसलिए छोड़ रहा है ताकि पूरी दुनिया देख सके कि यह कैसी जाति है। आज वही सच साबित हो रहा है कि यह एक ऐसी जंग है जो किसी के घर में जाएगी और उसे मार डालेगी।”

इसके बाद उन्होंने जाकिर नाइक के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाय का मांस इस्लाम में हराम नहीं है। अगर इस पर कोई प्रतिबंध है, तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा, “भारत में लोग जहां गाय पर बैन है, उसका सम्मान कर रहे हैं। मुसलमान कहीं नहीं खाता है, और नबी पाक ने भी कहा था कि गाय के गोश्त में बीमारी है जबकि दूध में शिफा है। भारत में मुसलमान गाय नहीं खाता, लेकिन किरेन रिजिजू ने खुद संसद में कहा है कि वह गाय खाते हैं। जब मनोहर पर्रिकर जीवित थे, उन्होंने कहा था कि हम अपने राज्य में बीफ की कमी नहीं होने देंगे। गाय को कुछ हिस्सों में माता माना जाता है, लेकिन पूरे भारत में ऐसा क्यों नहीं होता? हिंदूवादी संगठनों में कई लोग खुद गाय खाते हैं और मुसलमानों पर इल्जाम लगाते हैं कि वे गाय खाते हैं। असल में मुसलमान गाय नहीं खाता।”

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